नैशनल हेराल्ड मामले में जिस तरह से राहुल गांधी और पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की मुश्किलें बढ़ी हैं उसके बाद मनु सिंघवी की एंट्री काफी महत्वपूर्ण हो जाती है। ये एंट्री तब दी गई है जब प्रमुख कानूनी विशेषज्ञ कपिल सिब्बल ने पार्टी छोड़ दी है। नैशनल हेराल्ड मामले में अभिषेक मनु सिंघवी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे में CWC में उनकी एंट्री भी खास हो जाती है।
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फोकस में हरियाणा चुनाव
हरियाणा में कांग्रेस पार्टी अपना कद मजबूत करना चाहती है। 2024 में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होंगे लेकिन उससे पहले भी होने वाले निकाय और उपचुनाव में कांग्रेस के लिए अपनी उपस्थिति दर्ज कराना महत्वपूर्ण हो जाता है। ऐसे में हरियाणा में पार्टी के नेताओं के बीच संतुलन बनाए रखने के प्रयास तहत भी CWC में कुमारी शैलजा की एंट्री को देखा जा रहा है।
दरअसल, शैलजा को हरियाणा से राज्यसभा सीट नहीं मिल सकी। एक तरफ भूपिंदर हुड्डा अपनी ही पार्टी पर निशाना साधने का एक अवसर नहीं छोड़ रहे। गुटबाजी के कारण कांग्रेस को राज्य के निकाय चुनावों में हावी दिखा। हुड्डा को 2024 के विधानसभा चुनावों के लिए फ्री हैंड मिला हुआ है जिससे बाकी गुटों में नाराजगी है। इसी को पाटने के लिए कुमारी शैलजा की एंट्री CWC में कराई गई है।