सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी कर्नाटक सरकार पर संशय बरकार, कुमारस्वामी गुरुवार को पेश करेंगे विश्वास प्रस्ताव
Karnataka Crisis: इस्तीफा स्वीकार होने पर विश्वास प्रस्ताव से पहले गिर जाएगी सरकार
कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के पक्ष में नहीं है संख्या बल
24 घंटे में चमत्कार के भरोसे कुमारस्वामी सरकार
नई दिल्ली। कर्नाटक ( karnataka crisis ) में 12 दिनों से जारी सियासी जंग के बीच बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों की अर्जी पर अपना फैसला सुना दिया। शीर्ष अदालत के फैसले के मुताबिक कुमारस्वामी सरकार का भाग्य लगभग तय हो गया है। इसके बावजूद गुरुवार को ही अंतिम रूप सेे तय होगा कि फ्लोर टेस्ट में कुमारस्वामी फेल होंगे या पास।
इस बीच सियासी जंग में नया मोड़ नहीं आया तो कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार का जाना लगभग तय है। वहीं इस बीच कांग्रेस के एक विधायक गायब हो गया है। कांग्रेस के सभी नेता लापता विधायक को ढूंढने में लगे हुए हैं।
चमत्कार के भरोसे कुमारस्वामी सरकार कर्नाटक विधानसभा में सबसे बड़ी व मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा का दावा है कि उनके पास बहुमत है। आंकड़ों के लिहाज से भी इस बार समीकरण कांग्रेस-जेडीएस के पक्ष में नहीं है।
दरअसल, कर्नाटक विधानसभा में निर्वाचित विधायकों की संख्या 224 है। भाजपा के पास 105, कांग्रेस के पास 79, जेडीएस के पास 37, निर्दलीय दो व एक बसपा के विधायक हैं। इनमें से कांग्रेस के 13 और जेडीएस के 3 बागी विधायक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं। निर्दलीय दो विधायक कुमारस्वामी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद भाजपा का समर्थन करने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं।
इस लिहाज से देखें तो कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के पास अब केवल 101 विधायक हैं। जबकि भाजपा के पाले में दो निर्दलीय विधायकों को जोड़कर 107 विधायक हैं। स्पष्ट है कि विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा भाजपा के पक्ष में हैं।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने जेडीएस-कांग्रेस के 16 बागी विधायकों की इस्तीफे पर फैसला स्पीकर पर छोड़ दिया है। प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई ने कहा कि विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार बागी विधायकों के इस्तीफे पर नियम के मुताबिक फैसला करें। इसके लिए कोई डेडलाइन नहीं दी जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि बागी विधायक भी सदन में उपस्थित रहने या विश्वासमत में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं हैं।
Hindi News / Political / सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी कर्नाटक सरकार पर संशय बरकार, कुमारस्वामी गुरुवार को पेश करेंगे विश्वास प्रस्ताव