जेडीएस को इसलिए उठाना पड़ा सियासी नुकसान दरअसल, लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान होने से पहले कर्नाटक में सिद्धरमैया को मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठी थी। इसके जवाब में सीएम एचडी कुमारस्वामी ने कहा था कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम मल्लिकार्जुन खड़गे को बहुत पहले राज्य का शीर्ष पद दिया जाना चाहिए था। सीएम कुमारस्वामी का बयान ऐसे समय में आया जब कांग्रेस के कुछ विधायक मांग कर रहे थे कि सिद्धारमैया को फिर से मुख्यमंत्री बनाया जाए। सीएम कुमारस्वामी के बयान पर खड़गे ने सभी से इस मुद्दे पर जोर न देने की अपील की थी। दूसरी तरफ गठबंधन के नेताओं में जारी आरोप-प्रत्यारोप का लाभ उठाते हुए भाजपा नेता येदियुरप्पा ने कहा था कि अगर कुमारस्वामी को खड़गे की इतनी चिंता है तो क्यों नहीं छोड़ देते उनके लिए सीएम का पद। इसका नतीजा यह निकला कि जेडीएस कर्नाटक में एक भी लोकसभा सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई।
कांग्रेस को लेकर अटलवाणी साबित हुई सच, दो दशक पहले कर दी थी भविष्यवाणी देवेगौड़ा और निखिल भी नहीं बचा पाए अपनी सीट बता दें कि लोकसभा चुनाव में कर्नाटक की 28 संसदीय सीटों में से एक भी सीट पर जेडीएस के प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पाए। यहां तक कि जेडीएस प्रमुख एचडी देवेगौड़ा तुमकुर और सीएम कुमारस्वामी के बेटे निखिल स्वामी मांड्या से चुनाव हार गए। निखिल स्वामी को निर्दलीय प्रत्याशी सुमनलता चुनावी मात देने में सफल रहीं।