नई दिल्ली। आतंकी खतरे के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर ( jammu kashmir ) प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा ( Amarnath yatra terror threat ) को समय से पहले खत्म करने की बात कही है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर की सियासत भी गर्मा गई है। एक दिन पहले जहां पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की। वहीं शनिवार को पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ( former cm Omar Abdullah ) भी राज्यपाल सत्यपाल मलिक ( Governer Satyapal Malik ) से मिलने पहुंचे।
उमर अब्दुल्ला घाटी के हालातों पर जानकारी लेने और आतंकी हमले के मद्देनजर उठाए जा रहे कदमों को जानने के लिए राज्यपाल सत्यपाल मलिक के पास पहुंचे। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पिछले 24 घंटे में घाटी में जबरदस्त तनाव पैदा हो गया है।
ऐसे में राज्यपाल से मुलाकात की गई, लेकिन वहां से भी सही जवाब नहीं मिला। अफसरों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कुछ तो हो रहा है, लेकिन क्या हो रहा है ये किसी ने नहीं बताया।
पूर्व सीएम ने कहा कि हम चाहते हैं सोमवार से संसद में शुरू हो रहे सत्र में सच क्या है ये सुनना चाहते हैं। आतंकी हमले की आशंका है तो अमरनाथ यात्रा बंद की जानी चाहिए ना कि घाटी को खाली कराने का काम।
चुनाव की हो रही तैयारी उमर अब्दुल्ला ने बताया कि जब राज्यपाल से घाटी के हालात जानने की कोशिश की तो उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि चुनाव की तैयारियां चल रही हैं। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि 35ए के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हो रही है। पूर्व सीएम ने कहा कि हम चाहते हैं जम्मू-कश्मीर के हालात पर संसद में जवाब दिया जाए।
अब्दुल्ला ने कहा कि जो लोग चाहते हैं कि हम अपने हाथ में कानून लें, हम उन्हें बता दें कि हम ऐसा नहीं होने देंगे। घाटी में शांति की अपनी कोशिशों में कोई कमी नहीं आने देंगे।
उमर अब्दुल्ला ने उठाया सवाल पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने सवाल उठाया कि अमरनाथ यात्रा को खतरा है तो गुलमर्ग को क्यों खाली करवाया जा रहा है। लोगों को गुलमर्ग से बाहर निकालने के लिए राज्य सड़क परिवहन बसों को क्यों तैनात किया जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर से अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को वापस भेजने के चलते उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को भी सवाल उठाए थे। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि गुलमर्ग में होटलों में रहने वाले लोगों को होटल छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। लोगों को पहलगाम और गुलमर्ग से निकालने के लिए राज्य की बसें लगाई जा रही हैं।
यही वजह है कि शनिवार को भी उमर अब्दुल्ला ने इसी मुद्दे को लेकर राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की।
एडवाइजरी के बाद राजनीतिक दलों का रुख प्रशासन की कश्मीर पर नई एडवाइजरी के बाद घाटी के दलों ने कहा कि इसके बाद यहां पर अफरा तफरी और भय का माहौल बन रहा है।
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने तमाम गिले शिकवे भुलाकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारुख अब्दुल्ला से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भी भेंट की। मुफ्ती ने कहा था किमैंने 70 साल में इतना डर और भय का माहौल घाटी में नहीं देखा है।
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