Rajasthan Political Crisis: Sachin Pilot ने की Priyanka-Rahul से मुलाकात, अटकलों का बाजार गर्म
सूत्रों की मानें तो वसुंधरा के रुख़ को देखते हुए राजस्थान को लेकर चल रहे उठापटक में पार्टी की रणनीति में तमाम बदलाव करने पड़े। वसुंधरा राजे के दिल्ïली पहुंचने के बाद राजस्थान बीजेपी के 18 भाजपा विधायकों को गुजरात भेजना पड़ा। बताया जा रहा है कि वसुंधरा ने विधायकों को गुजरात भेजने को लेकर भी आपत्ति जतायी थी। भाजपा के महत्वपूर्ण सूत्रों के मुताबिक़ पार्टी के कई नेता राजस्थान में चल रहे सियासी ड्रामे में से भाजपा को दूर रहने की वकालत कर रहे थे। कैलाश मेघवाल ने तो खुलकर इस बारे में बयान पर भी दिया था। कैलाश मेघवाल कि इस पूरे प्रकरण में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश के संगठन मंत्री चंद्रशेखर से भी बात हुई थी मेघवाल ने अटल बिहारी वाजपेयी आडवाणी सहित तमाम पार्टी के पुराने नेताओं की आदर्श को रेखांकित किया था।
Rajasthan Political Crisis: आखिर क्यों नरम पड़े Sachin Pilot के तेवर, Congress के सामने रखी ये शर्त
अशोक गहलोत के भैरव सिंह शेखावत की सरकार गिराने की साजिश में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और राज्यपाल के सामने विरोध किए जाने की बात आने के बाद राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष, सहसंगठन मंत्री सतीश और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बीच बातचीत भी हुई थी। राजस्थान प्रदेश के तमाम नेताओं में भौरों सिंह शेखावत वाले बयान पर राजस्थान की संवेदनशील जनता का रुख भाजपा के खिलाफ़ हो जाने की भी आशंका जतायी थी। सबसे बड़ी बात यह है कि वसुंधरा ने केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और सचिन पायलट के इस बेमेल सियासी दोस्ती को लेकर पार्टी के और संघ के नेताओं से सवाल किए थे। वसुंधरा राजे ने राजनाथ सिंह और नड्डा को इशारों इशारों में इस बेमेल दोस्ती के परिणाम को लेकर भी सावधान किया था। इसके अलावा सचिन के साथ मिलकर सरकार बनाने पर मुख्यमंत्री के नाम को लेकर भी बीजेपी के नेता पीयूष गोयल पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान गजेंद्र सिंह शेखावत मंथन करते रहे लेकिन मुख्यमंत्री पद पर सचिन पायलट गाजेंद्र सिंह शेखावत वसुंधरा सहित एक दो और लोगों की भारी दावेदारी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं के सामने चुनौती बनकर आयी।
Jharkhand Education Minister ने 11वीं में लिया दाखिला, 53 साल की उम्र जानें क्या आया पढ़ाई का खयाल
अमित शाह के अस्पताल में भर्ती होने की वजह से इस मामले में पहले जितनी सक्रिय भूमिका नहीं रही। भाजपा के एक वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक़ राजस्थान सरकार द्वारा तमाम लोगों की बातचीत टैप कराने को लेकर भी पार्टी के कई नेताओं में चिंता फ़ोन टैपिंग और संजीवनी मामले में गजेंद्र सिंह के नाम आने के बाद केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने भाजपा नेताओं को जानकारी दी थी कि अगर। राज्य में तख्ता पलट होता है तो बोहोत से भाजपा के नेता भी लपेटे में आ सकते हैं।
इधर भाजपा के विधायकों में टूट की खुफिया जानकारी मिलते ही पायलट कैंप बैकफुट पर आया पायलट कैंप को लगा कि अगर बीजेपी में टूट हो जाती है और किसी तरह गहलोत अपनी सरकार बचा ले जाते हैं ऐसे में पायलट की विधायकी तो जाएगी उन पर अन्य तरीक़ों से भी शिकंजा कसा जा सकता है।