सूत्रों के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय फोन टेपिंग मामले पर पैनी नजर रख रहा है। फिलहाल कथित रूप से लीक हुई ऑडियो बातचीत मामले में जस्थान पुलिस जांच कर रही है। दरअसल, यह टेप राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़ा है। इससे पहले वायरल ऑडियो क्लिप मामले में आरोपियों ने वॉइस सेंपल देने से मना कर दिया था। आपको बत दें कि राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बागी होने जाने के बाद राजस्थान में होर्स ट्रेडिंग से जुड़ा एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ था। इस ऑडियो 0में अशोक सिंह और भरत मलानी को आरोपी बने हैं। इस मामले में कोर्ट ने आरोपियों के वॉइस सेंपल लेने केा कहा था, बावजूद इसके उन्होंने सेंपल देने से मना कर दिया।
वहीं, फोन टेपिंग मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग के फौरन बाद कांग्रेस ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने (भाजपा) स्वीकार कर लिया है कि राजनीतिक संकट के पीछे वे हैं और उनकी तकलीफ और शिकायत सिर्फ इस बात से है कि टेप क्यों रिकॉर्ड किए गए। एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि हम सबने पिछले एक सप्ताह में राजस्थान में भाजपा द्वारा लोकतंत्र की दिनदहाड़े हत्या करने के प्रयास को देखा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सभी ने अब राजस्थान में राजनीतिक संकट के मद्देनजर भाजपा के ‘प्रत्यक्ष संबंधों को उजागर’ करने वाली सामने आई परतों को देखा है और लोकतंत्र की हत्या में अपनी भूमिका को स्वीकार करने की कोशिश को देखा है। खेड़ा ने कहा, “उनकी एकमात्र शिकायत यह है कि टेप क्यों रिकॉर्ड किए गए? क्या यह वैध था?