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मीडिया प्रोडक्शन इंडस्ट्री के लिए एक ‘संजीवनी’ साबित होगा SOP
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय जावड़ेकर ने कहा कि नया एसओपी (standard operating procedure) मीडिया प्रोडक्शन इंडस्ट्री के लिए एक ‘संजीवनी’ साबित होगा। इस एसओपी के सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क अभिन्न अंग होंगे। जावडेककर ने बताया कि इस मानक संचालन प्रक्रिया के पीछे सामान्य सिद्धांत यही रखा गया है कि कलाकारों और क्रू मेंबर्स दोनों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने में सहायता करे। मंत्रालय की ओर से जारी एसओपी शूटिंग स्थलों और अन्य कार्यस्थलों पर पर्याप्त सोशल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित करता है। इसके साथ ही स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर में उचित स्वच्छता, भीड़ प्रबंधन और सुरक्षात्मक उपकरणों के प्रावधान जैसे उपायों का भी ध्यान रखा गया है।
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इंडस्ट्री के एसओपी का मूल सिद्धांत ‘संपर्क को कम करता है
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय जावड़ेकर ने कहा कि फिल्म और टीवी प्रोडक्शन इंडस्ट्री के एसओपी का मूल सिद्धांत ‘संपर्क को कम करता है। एसओपी में शामिल किए गए प्रावधान सुझाव देते हैं कि कॉस्ट्यूम, सेट की सामग्री, विग, मेकअप जैसी चीजों को कम से कम साझा किया जाए और ऐसा करने वाले लोग ग्लब्स पहने रहें। नई नियमावली के अनुसार रिकॉडिर्ंग स्टूडियो और एडिटिंग रूम आदि में कम से कम छह फीट की दूरी का पालन किया जाएगा। इसके साथ ही एसओपी यह भी कहता है कि शूटिंग के दौरान कम से कम कलाकार और क्रू मौजूद रहें। इसके अलावा नई एसओपी में शूटिंग स्थलों पर दर्शकों और आगंतुकों के प्रवेश को भी प्रतिबंधित किया गया है।