अल कायदा चीफ की धमकी पर भारत ने कहा- ऐसी धमकियों पर हम ध्यान नहीं देते
‘अफगानिस्तान में बात हो रही तो यहां क्यों नहीं’
अब्दुल्ला ने कहा कि Afghanistan में अब भी बंदूकें गरज रही हैं, इसके बाद भी वहां बातचीत चल रही है। अगर ये वहां हो सकता है तो आखिर यह नीति यहां क्यों नहीं अपनाई जा सकती है।
कर्नाटक के सियासी संकट का कैसे होगा अंत ?
‘बगैर बात के नहीं खत्म होगी कश्मीर समस्या’
बातचीत की पैरवी को आगे बढ़ाते हुए फारूक ने पाकिस्तान का पक्ष भी लेना शुरु कर दिया। उन्होंने कहा कि Kashmir Issue एक राजनीतिक मुद्दा है, जिसका हल भी राजनीति से होना चाहिए। इस मुद्दे का समाधान इस तरह होना चाहिए की पाकिस्तान और भारत को विश्वासघात महसूस न हो। इसमें पाकिस्तान या भारत को अलग नहीं रखा जा सकता।