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European think tank : लद्दाख में भारत ने अकेले दिखाया दम, इस रुख से ड्रैगन हैरान

America ने Beijing के खिलाफ ‘Quad Alliance’ बनाने का ऑफर दिया है लेकिन India के अकेले तन जाने से ड्रैगन हैरान है।

India ने Chinese Army के पूरी तरह पीछे हटने तक अग्रिम इलाकों से हटने पर विचार से इनकार कर दिया है।
भारत सीमा पर किसी गंभीर टकराव ( Serious confrontation ) का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

Aug 08, 2020 / 05:09 pm

Dhirendra

india-China Dispute

India ने Chinese Army के पूरी तरह पीछे हटने तक अग्रिम इलाकों से हटने पर विचार से इनकार कर दिया है।

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख ( East Ladakh ) से लगते वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) पर तीन महीने से ज्यादा समय से चीन ( China ) के खिलाफ भारत ( India ) के अदम्य साहस से इस बार ड्रैगन भी परेशान और हैरान है। इस बात का खुलासा एक यूरोपियन थिंक टैक ( European think tank ) की रिपोर्ट से हुआ है।
यूरोपियन थिंक टैंक ( European think tank ) ने कहा कि हमेशा से वैश्विक मुद्दों पर मानवीय शांति की बात करने वाला भारत इस बार चीन को आंख दिखा रहा है। खास बात यह है कि भारत यह काम अपने दम पर कर रहा है।
America Quad Alliance offer

थिंक टैंक ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि गलवान घाटी में 15 जून को हिंसक झड़प के बाद भारत ने भविष्य में किसी सीमा विवाद के दौरान चीन के खिलाफ अकेले खड़े होने का जो विश्वास दिखाया चौंकाने वाला है। भारत ने यह काम उस समय किया है जबकि अमरीका ने बीजिंग के खिलाफ ‘क्वॉड अलायंस’ ( Quad Alliance ) बनाने का उसे ऑफर दिया है। लेकिन भारत के अकेले तन जाने से ड्रैगन भी हैरान है।
चीन की समझदारी इसी में है कि वो पीछे हट जाए

दरअसल, यूरोपीय फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज ( EFSAS ) ने एक सामरिक समीक्षा में कहा है कि पैंगोंग त्सो में डिसइंगेजमेंट ( disengagement ) की शुरुआती प्रक्रिया में चाइनीज फिंगर 2 से फिंगर 5 इलाकों में पीछे हटे, लेकिन रिज लाइन पर तैनाती बनी रही। भारत जोर दे रहा है कि चीनी सैनिक फिंगर 5 से फिंगर 8 तक से हटें। भारत ने चीनी सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने तक अग्रिम इलाकों से हटने पर विचार से इनकार कर दिया है।
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यूरोपियन थिंक टैंक ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 2017 में डोकलाम की तरह ड्रैगन की आक्रामकता के खिलाफ भारतीय राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व की ओर से दिखाए गए दृढ़ता और संकल्प ने चीन अचंभित है।
भीषण ठंड में भारत टकराने को तैयार

EFSAS ने भारतीय रक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि जब तक सैन्य और कूटनीतिक ( Army and Diplomatic ) स्तर पर बीतचीत के जरिए सहमति नहीं बन जाती, तनातनी लंबे समय तक रह सकती है। यानि बेहद कठिन मौसम के बावजूद दोनों देश सर्दी में भी टिकने की तैयारी में हैं।
इससे आगे EFSAS ने कहा कि भारत ने सियाचिन ग्लेशियर की तरह यहां बड़े पैमाने पर सैन्य सामान और रसद एकत्रित कर लिया है। भारत की ओर से तैयारी से पता चलता है कि भारत सीमा पर किसी गंभीर टकराव का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
थिंक टैंक की रिपोर्ट के मुताबिक भारत को आशा है कि मौजूदा तनाव का हल बाचतीच के जरिए निकल जाएगा, लेकिन इसने अपने इलाकों की रक्षा के लिए संभावित टकराव को लेकर इसने तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी है। भारत का यह रुख चीन के लिए पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान बनाना सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है, जिसमें चीन साख बचाकर बाहर निकल सकता है।
बता दें कि पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। इसके कुछ अच्छे परिणाम भी सामने आए हैं। दोनों देशों की सेनाएं कुछ विवादित जगहों से पीछे हटी हैं, लेकिन चीनी सैनिक देपसांग, गोरा और फिंगर इलाकों से पीछे हटने को तैयार नहीं है।

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