इससे पहले विदेश मंत्री एस.जयशंकर ( External Affairs Minister S Jaishankar ) ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ( gujarat cm vijay rupani ) से मुलाकात की। विदेश मंत्री CM रूपाणी के गांधीनगर स्थित आवास पर पहुंचे और उनसे बातचीत की। आपको बता दें कि एस.जयशंकर ( S Jaishankar ) को भाजपा ( BJP ) ने गुजरात से राज्य सभा का उम्मीदवार ( Candidate for Rajya Sabha ) बनाया है। वह जल्द ही राज्य सभा के लिए नामांकन करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) ने विदेश मंत्री एस जयशंकर ( External Affairs Minister S Jaishankar ) को गुजरात ( Gujarat ) से राज्य सभा सीट के उम्मीदवार बनाया है। यह फैसला भाजपा ने जयशंकर के पार्टी में शामिल होने के कुछ घंटे बाद ही लिया। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने पूर्व विदेश सचिव जयशंकर ( S Jaishankar ) को अपनी सरकार में शामिल कर सबको चौंका दिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने उनको विदेश मंत्री बनाया है।
विदेश मंत्री जयशंकर भाजपा में शामिल
विदेश मंत्री एस.जयशंकर ( External Affairs Minister S Jaishankar ) सोमवार को औपचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) में शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) द्वारा आश्चर्यजनक रूप से कैबिनेट में शामिल किए जाने के करीब एक महीना बाद वह भाजपा में शामिल हुए। वह संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं हैं। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा ने 64 साल उम्र के पूर्व विदेश सचिव का पार्टी कार्यालय में स्वागत किया।
इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, विदेश राज्यमंत्री वी.मुरलीधरन व भाजपा सांसद भूपेंद्र यादव भी मौजूद थे। जयशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी के पहले कार्यकाल की विदेश नीति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जयशंकर को नई मंत्रिपरिषद में शपथ दिलाई गई और 30 मई को विदेश मंत्रालय का महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा गया।
सन् 1977-बैच के आईएफएस अधिकारी ने विदेश मंत्रालय में विभिन्न पदों पर सेवाएं दी हैं और अमरीका व चीन जैसे महत्वपूर्ण देशों में भारतीय राजदूत के रूप में महत्वपूर्ण समय में सेवाएं दी हैं। वह जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक एस.जयशंकर ( External Affairs Minister S Jaishankar ) विदेश सचिव रहे और मोदी के पहले कार्यकाल में विदेश नीति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे प्रमुख देशों, विशेष रूप से अमेरिका और अरब देशों के साथ भारत के संबंधों में महत्वपूर्ण विकास और विस्तार हुआ।