दरअसल, कुछ समय से कांग्रेस पार्टी ( Congress Party ) में पूर्णकालिक अध्यक्ष ( Permanent President ) का चुनाव करने की मांग दबी जुबान हो रही थी। इसको लेकर कई नेताओं ने आलाकमान को चिट्ठी भी लिखी। पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में 5 पूर्व मुख्यमंत्रियों के साथ, सीडब्लूसी के सदस्य, पूर्व केंद्रीय मंत्री व पार्टी के अन्य नेता शामिल हैं।
Covid-19 : दिल्ली में एक दिन में आए 1450 नए केस, फिर बढ़ी केजरीवाल सरकार की चिंता कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से जारी पत्र में पार्टी के नेतृत्व में अनिश्चितता का आरोप लगाया गया है। पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं में कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आज़ाद, शशि थरूर, भूपिंदर हुड्डा, मिलिंद देवड़ा, मनीष तिवारी, संदीप दीक्षित और पीजे कुरियन व अन्य शामिल हैं। इसे स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली के 10, जनपथ स्थित सोनिया गांधी के आवास पर पहुंचाया गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के सोनिया गांधी ने पत्र हस्ताक्षर करने वालों में से एक वरिष्ठ नेता को फोनकर इसका जवाब भी दिया था। दो वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के मुताबिक सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को साथ मिलकर एक नया अध्यक्ष खोजना चाहिए, क्योंकि वह पार्टी का नेतृत्व करने की ज़िम्मेदारी अब नहीं उठाना चाहती हैं।
पहली बार कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को इस मकसद से लिखा खत, दूरगामी असर को लेकर सुगबुगाहट तेज निशाना बनाने से आहत हैं सोनिया गांधी इतना ही नहीं, कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ शिकायत सार्वजनिक करने वाले पार्टी नेताओं द्वारा निशाना बनाए जाने पर आहत होने की भावना व्यक्त करते हुए सोनिया गांधी ने नोट में लिखा कि वह पार्टी का नेतृत्व करने में दिलचस्पी नहीं रखते थे। बहुत मनाने के बाद केवल इस शर्त पर अंतरिम अध्यक्ष का पद स्वीकार कर लिया था कि पार्टी जल्द एक पूर्णकालिक अध्यक्ष ढूंढ लेगी।
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 ( Loksabha Election 2019 ) में कांग्रेस पार्टी की करारी हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष ( Congress President ) पद से इस्तीफा दे दिया था। राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दिया था। पार्टी का शीर्ष पद छोड़ने के बाद सोनिया गांधी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनीं थी।