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झारखंड के राजनीतिक गलियारों में इन दिनों मुख्यमंत्री पद की चर्चा जोरों पर हैं। इसी कड़ी में ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि, अगर शुक्रवार को राज्यपाल रमेश बैस हेमंत सोरेन के खिलाफ फैसला सुनाते हैं तो उनके सीएम
कहा जा रहा है कि हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन को सीएम की कुर्सी पर काबिज किया जा सकता है। कल्पना सोरेन ओडिशा के मयूरभंज की एक बिजनेसमैन फैमिली से हैं और कहा जाता है कि उन्हें प्रदेश की कमान सौंपी जा सकती है।
कल्पना सोरेन का जन्म 1976 में हुआ था और उनके दो भाई-बहन हैं> उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई रांची से की है। साल 2006 में कल्पना की हेमंत सोरेन से शादी हो गई थी।
उनके दो बच्चे हैं। कल्पना सोरेन खुद बिजनेसवुमन हैं और एक प्राइवेट स्कूल भी चलाती हैं। अगर कल्पना को झारखंड की कमान सौंपी जाती है तो बिहार के बाद झारखंड में भी इतिहास दोहराया जाएगा।
हेमंत सोरेन की मुश्किल क्यों बढ़ी? इस सवाल के जवाब के लिए पूरा मामला समझने की जरूरत है। दरअसल बीजेपी डेलिगेशन ने फरवरी 2022 में आरोप लगाया था कि सोरेन ने रांची के अनगड़ा में अपने नाम से खनन पट्टा लिया है। ऐसे में उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द की जाए।
मामला सीएम हेमंत सोरेन से जुड़े खनन लीज और शेल कंपनियों में उनके और उनके करीबियों की हिस्सेदारी से जुड़ा है। आरोप है कि सीएम हेमंत ने अपने पद का दुरुपयोग कर स्टोन क्यूएरी माइंस अपने नाम आवंटित कर लीं।
सोरेन परिवार पर शेल कंपनी में निवेश कर अकूत संपत्ति अर्जित करने का भी आरोप है। ये मामला सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग पहुंचा।
अब चुनाव आयोग का फैसला राजपाल भवन तक पहुंच गया है। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी का कहना है कि आखिर बंद लिफाफे का फैसला बाहर कैसे आ गया?
महागठबंधन की बैठक आज
झारखंड में सियासी उठापटक के बीच शुक्रवार को महागठबंधन की बैठक होना है। इस बैठक में तमाम विधायकों को पहुंचने के लिए कहा गया है।
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