वहीं, केजरीवाल सरकार के इस कदम पर देश की सियासत गर्म हो गई है। विपक्षी दलों के नेताओं ने मुख्यमंत्री केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) पर निशाना साधा है।
उनका कहना है कि दिल्ली सरकार ( Delhi Government) ने बजट का सारा पैसा विज्ञापनों में खर्च कर दिया है।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी ( BJP MP Ramesh Bidhuri ) और आम आदमी पार्टी ( AAP ) के नेता रहे कुमार विश्वास ( Kumar vishvas) ने इस पर केजरीवाल सरकार को घेरा है।
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भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि देश के बाकी राज्यों के साथ—साथ केंद्र सरकार दिल्ली के लोगों की भी मदद कर रही है।
भाजपा नेता ने कहा कि लोगों के बैंक खातों में 1500—1500 रुपए भेजे गए हैं। जबकि वृद्धा पेंशन की भी व्यवस्था की गई है।
भाजपा सांसद ने यह भी कहा कि शीला दीक्षित के समय में दिल्ली सरकार का बजट अब 39 हजार करोड़ का था, जो अब बढ़कर 65 हजार करोड़ हो गया।
इतना रुपया विज्ञापन में बहाने के बाद अब केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई जा रही है।
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वहीं, कुमार विश्वास ने कहा कि पहले तो लाखों-करोड़ की चुनावी-रेवड़ियां बांट दी गईं, फिर कर दाताओं का हजारों करोड़ रुपया समाचार पत्रों में दिए बड़-बड़े विज्ञापनों के नाम पर बहा दिया गया।
अब स्वराज-शिरोमणि कोरोना से लड़ रहे डॉक्टरों के वेतन के लिए केंद्र सरकार से मदद मांग रहे हैं। इसके साथ ही चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए कपिल मिश्रा ने कहा कि केजरीवाल टीवी चैनलों पर लंबे-लंबे विज्ञापन दे रहे हैं।
उन्होंने एक दिन में विज्ञापन के रूप में 25 करोड़ रुपए फूंकने का भी रिकॉर्ड बनाया। इसके अलावा अखबारों में हर रोज करोड़ों के एड दिए जा रहे हैं।