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सरमा थे मुख्य दावेदार
एक दिन पहले, दोनों नेताओं ने भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ कई बैठकें कीं, जिनमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा शामिल थे। 52 वर्षीय सरमा, जिन्हें असम में भाजपा की लगातार दो जीत के वास्तुकार के रूप में देखा जाता है, मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे।
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75 सीटें जीतीं
भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ( NDA ) ने 75 सीटें हासिल की हैं, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने 126 सदस्यों वाली असम विधान सभा के चुनाव में 50 सीटें हासिल की हैं। 2016 में, एनडीए ने 86 सीटें जीतीं थी, जबकि कांग्रेस और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने क्रमश: 24 और 14 सीटें हासिल की थीं।
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कांग्रेस से दे दिया था इस्तीफा
इससे पहले हिमंत बिस्वा सरमा कांग्रेस के कद्दावर नेता थे। सरमा ने पार्टी नेता राहुल गांधी द्वारा जुलाई 2014 में 52 विधायकों के समर्थन के दावे के बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री बनाने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद सरमा ने अपना मंत्री पद छोड़ दिया था और एक साल के बाद पार्टी आलाकमान से नाराज होकर सरमा भाजपा में शामिल हो गए थे।
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सर्बानंद सोनोवाल ने दिया इस्तीफा
इससे पहले असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राजभवन में राज्यपाल जगदीश मुखी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। अधिकारियों ने कहा कि राज्यपाल ने सोनोवाल को नए मुख्यमंत्री नियुक्त होने तक पद पर बने रहने के लिए कहा गया था। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में माजुली निर्वाचन क्षेत्र से दोबारा चुने गए सोनोवाल ने 24 मई, 2016 को पूर्वोत्तर राज्य के 14 वें मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया था।