जानकारी के मुताबिक, सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नई तारीख दे दी, अब इस पर अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगी।
महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) समेत 29 नगर निगमों (महानगरपालिका), 257 नगर पालिकाओं, 26 जिला परिषदों और 289 पंचायत समितियों के चुनाव लंबित हैं।
बता दें कि कोर्ट ने चुनाव पर रोक नहीं लगाई है। लेकिन, ओबीसी आरक्षण पर पेंच फंसा होने के कारण राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले पर फैसला लेने का अनुरोध किया था। हालांकि कुछ याचिकाओं में मांग की गई है कि निकाय चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ या उसके बिना कराए जाएं। हालांकि स्थानीय निकाय चुनावों का भविष्य सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर करता है।
हाल ही में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि राज्य में महायुति सरकार आने के बाद हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि राज्य में स्थानीय निकायों के चुनाव जल्द से जल्द हों। इस दिशा में सरकार कदम उठा रही है।
दूसरी ओर राजनीतिक पार्टियों ने निकाय चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) ने मुंबई नगर निगम (BMC) चुनाव अपने दम पर लड़ने का ऐलान कर दिया है। हालांकि अभी तक बाकि दलों ने अपने पत्ते नहीं खोले है।
गौरतलब हो कि 2017 के बीएमसी चुनावों में (अविभाजित) शिवसेना ने 84 सीट पर, जबकि बीजेपी ने 82 सीट पर जीत हासिल की थी। अविभाजित शिवसेना विधायकों और सांसदों के एक बड़े हिस्से ने जून 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी और एकनाथ शिंदे नीत खेमे में शामिल हो गये थे, जिसे बाद में चुनाव आयोग ने असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी।