राजनीति

दिल्ली में हार से सकते में बीजेपी, क्षेत्रीय दलों को साधने में जुटा केंद्रीय नेतृत्व

केजरीवाल की अगुआई में पार्टी के खिलाफ लामबंद हो सकते हैं क्षेत्रीय दल
आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी से पीएम मोदी ने की डेढ़ घंटे तक बातचीत
बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व को हुआ क्षेत्रीय दलों की अहमियत का अहसास

Feb 13, 2020 / 09:21 am

Dhirendra

पीएम माेदी और अमित शाह।

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व अब क्षेत्रीय पार्टियों को तालमेल बनाकर साथ चलने की रणनीति पर काम करने के संकेत दिए हैं। जानकारी के मुताबिक दिल्ली चुनाव के परिणाम के बाद ऐसी संभावना बनती दिख रही थी आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल की अगुआई में कुछ क्षेत्रीय दल बीजेपी के खिलाफ लामबंद हो सकते हैं। इसी को देखते हुए बीजेपी ने ये रणनीति अपनाई है। ये बात अलग है कि आप ने अभी तक इस बात के कोई संकेत नहीं दिए हैं जिसके आधार पर यह कहा जाए कि वो मोदी सरकार विरोधी खेमे में शामिल होने जा रहे हैं।
वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी से करीब डेढ़ घंटे तक पीएम मोदी की मुलाकात को इसी नजरिए से जोड़कर देखा जा रहा है। इससे पहले दो मौकों पर वह ऐसा करने से इंकार कर चुके थे। इस बीच ऐसी भी अटकलें जोरों पर है कि बीजेपी आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस और तमिलनाडु में डीएमके जैसी क्षेत्रीय दलों की अगुआई वाली एनडीए सरकार में शामिल होने का प्रस्ताव दे चुकी है।
राजनीतिक जानकारी का कहना है कि बीजेपी और वाईएसआर कांग्रेस अगर साथ आते हैं तो इससे दोनों पार्टियों का फायदा होगा। बीजेपी को राज्यसभा में अहम बिलों का पास कराने में क्षेत्रीय दलों के समर्थन की जरूरत है। वहीं वाईएसआर कांग्रेस को राज्य से विधान परिषद खत्म करने के लिए केंद्र के सहयोग की जरूरत होगी, जिसमें उसकी विरोधी तेलगु देशम पार्टी का बहुमत है। जगन सरकार ने हाल ही में आंध्र प्रदेश की तीन राजधानी बनाने के लिए बिल पेश किया था जिसे विधान परिषद ने खारिज कर दिया था। इससे नाराज जगन ने राज्य से विधान परिषद को ही खत्म करने का केंद्र के पास प्रस्ताव भेजा है।
वैसे भी आगामी कुछ महीनों में वाईएसआर कांग्रेस की राज्यसभा में ताकत बढ़ने वाली है और बीजेपी को उसके सहयोग की जरूरत होगी। बीजेपी के हाथ से लगातार एक के बाद एक राज्य फिसलते जा रहे है। ऐसे में अगर वाईएसआर कांग्रेस का उसे समर्थन देने की काफी अहमियत है। इसके अलावा जगन को भी विधान परिषद के मुद्दे पर केंद्र के समर्थन की जरूरत होगी। वाईएसआर कांग्रेस के पास राज्यसभा में फिलहाल 2 सांसद है जिसे अप्रैल में बढ़कर 6 और 2022 तक बढ़कर 10 होने की संभावना है। वहीं लोकसभा में वाईएसआर कांग्रेस 22 सांसदों के साथ चौथी सबसे बड़ी पार्टी है।
बीजेपी एक नेता ने बताया कि दिल्ली में हार के चलते हमें क्षेत्रीय पार्टियों की ओर देखने पर मजबूर किया है। फिर चाहे वे सत्ता में हों या विपक्ष में। हमारा मुख्य लक्ष्य बीजेपी के खिलाफ क्षेत्रीय पार्टियों की साथ आने की किसी भी संभावना को खत्म करना है। हालांकि तेलंगाना बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता के कृष्ण सागर राव का कहना है कि क्षेत्रीय पार्टियों के साथ आने की कोशिशें पहले भी कई बार हुई हैं और वो हमेशा फेल रही हैं। ऐसे में बीजेपी को इस बात की कोई चिंता नही हैं।

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