राज्य महिला आयोग ने मांगा था जवाब
रूपाली चाकणकर ने पाटील को लिखे अपने पत्र में उल्लेख किया था कि महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग अधिनियम, 1993 की धारा 12 (2) और 12 (3) के अनुसार अगले दो दिनों में एक लिखित बयान आयोग को भेजें। इसके बाद चंद्रकांत पाटील ने अपने बयान परब खेद जताया और माफी भी मांगी है।
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क्या था मामला?गौरतलब है कि सुप्रिया सुले ने अपने एक बयान में कहा था कि “मध्य प्रदेश के CM दिल्ली आए और किसी से मिले। पता नहीं अगले दो दिनों में अचानक ऐसा क्या हुआ कि उन्हें OBC आरक्षण के लिए हरी झंडी मिल गई।”
इस बयान पर पलटवार करते हुए महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने उन्हें राजनीति छोड़ने और खाना बनाने की नसीहत दे डाली थी।