हालांकि कर्नाटक में बीजेपी के लिए नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाना इतना आसान नहीं होगा। यही वजह है कि मुख्यमंत्री के चयन के लिए बीजेपी आलाकमान ने दो पर्यवेक्षकों नियुक्त किए हैं। इनमें एक केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और दूसरे कर्नाटक बीजेपी प्रभारी अरुण सिंह शामिल हैं।
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कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री कौन? दौड़ में सबसे आगे हैं ये नाम बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद कर्नाटक की कमान किस नेता के हाथ होगी, इसको लेकर भी राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हैं। कुछ वरिष्ठ नेताओं के नाम इस दौड़ आगे चल रहे हैं। बीजेपी के लिए जरूरी है कि लिंगायत अनुपात के साथ अन्य वर्गों को साधने वाले नेता का चयन ही किया जाए।
सीएम की दौड़ में ये नाम आगे
कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर तीन से चार नेताओं के नाम आगे चल रहे हैं। हालांकि बीजेपी कई बार ऐसे चेहरे को मौका देकर सभी को चौंका भी चुकी है।
हालांकि जिन नामों की चर्चा राजनीतिक गलियारों में है, उनमें खनन मंत्री मुरुगेश निरानी, प्रहलाद जोशी, बीजेपी के महासचिव सीटी रवि, बीएल संतोष और प्रदेश के गृह मंत्री बासवराज का नाम प्रमुख रूप से शामिल है।
शाह और नड्डा ने की अरुण सिंह से बात
कर्नाटक के सियासी घटनाक्रम के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कर्नाटक बीजेपी प्रभारी अरुण सिंह से बात की है।
पार्टी नेतृत्व द्वारा चुने गए नामों को मंजूरी के लिए बीजेपी के संसदीय बोर्ड को सूचित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को भी कर्नाटक भाजपा विधायक दल का केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया गया। ऐसे में मंगलवार को होने वाली संसदीय बोर्ड की बैठक में नए सीएम के नाम पर अंतिम मुहर लगना लगभग तय है।
यह भी पढ़ेंः कर्नाटकः सुनिए अपना इस्तीफा देने के वक्त क्या बोले बीएस येदियुरप्पा उपचुनाव से बचने की कोशिशराजनीतिक सूत्रों की मानें तो नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर बीजेपी आलाकमान विधायक को ही मौका देने पर विचार कर रहा है। दरअसल बीजेपी नहीं चाहती कि किसी सांसद को सीएम बनाकर उपचुनाव करवाया जाए।