यही वजह है कि एंटी इनकम्बेंसी फैक्टर को लेकर बीजेपी अभी से सतर्क है। पार्टी इस बार ऐसे उम्मीदवारों को टिकट नहीं देना चाहती जिनकी ईमेज जनता के बीच अच्छी न हो। इस नीति की वजह से पार्टी ऐसे विधायकों के टिकट काट सकती है, जिनसे जनता नाराज है।
Bihar Assembly Election : NDA ने तैयार की हर सीट पर जीत की रणनीति, इस पर बनी सहमति बीजेपी नेतृत्व ने लगभग एक दर्जन ऐसे विधायकों की सूची तैयार की है जिनकी दावेदारी को लेकर राज्य इकाई के साथ मंत्रणा जारी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीजेपी नेतृत्व ने राज्य में मौजूदा विधायकों को लेकर कराए अंदरूनी सर्वे में लगभग एक दर्जन विधायकों के खिलाफ खराब माहौल सामने आया है। इस बात को ध्यान में रखते हुए पार्टी इस मुद्दे पर मंथन में जुटी है कि खराब छवि वाले विधायकों को टिकट दिया जाए या नहीं। केंद्रीय नेतृत्व ने इस मसले पर राज्य इकाई के सुझाव पर अमल करने के संकेत दिए हैं।
इतना ही नहीं इस बार बीजेपी अपने उम्मीदवारों के साथ सहयोगी दलों के उम्मीदवारों की सूची पर भी है। पार्टी की कोशिश है कि ऐसे प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे जाएं जिनके खिलाफ जनता में किसी तरह की नाराजगी न हो।
Bihar Election : उपेंद्र कुशवाहा पड़े अलग-थलग, आरजेडी नाराज तो नीतीश ने की ‘नो एंट्री’ की बात दरअसल, बिहार में विधानसभा चुनाव 2020 की तारीखों की घोषणा के साथ प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। एनडीए में बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी के बीच सीटों बंटवारा होना है। माना जा रहा है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में एनडीए के बड़े नेता सीटों के तालमेल को अंतिम रूप दे सकते हैं। इसी के साथ एक अक्टूबर को बीजेपी अपनी पहली सूची भी जारी कर सकती है।
बता दें कि बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं। बीजेपी के वर्तमान में 52 विधायक हैं।