आपको बता दें कि एआईयूडीएफ मुस्लिमों की पार्टी नहीं है बल्कि वह आदिवासियों और हिंदुओं का भी प्रतिनिधित्व करती है, हालांकि बीजेपी लगातार अजमल की पार्टी को हिंदू विरोधी पार्टी होने का आरोप लगाती आई है।
यह भी पढ़ेंः जानिए किस भरोसे ने शुभेंदु अधिकारी ने ममता को मात देने के लिए नंदीग्राम से भरा नामांकन असम में चुनाव से पहले एक बार फिर सीएए के मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है। एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि सीएए पूरी तरह असंवैधानिक है इसे ना सिर्फ असम बल्कि देश के किसी भी हिस्से में लागू नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम इसको खत्म करने तक लड़ाई लड़ते रहेंगे। हम सत्ता में आते हैं तो हम सीएए, एनआरसी और ‘डी-वोटर’ के मुद्दे का प्राथमिकता से समाधान करेंगे। बदरुद्दीन ने कहा- चुनाव नजदीक आ गए हैं, लोग सीएए के खिलाफ वोट करने वाले हैं।
कोई भी वादा पूरा नहीं कर पाई बीजेपी
बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि राज्य की बीजेपी सरकार पिछले चुनाव में किए गए अपनी सभी वादों को पूरा करने में विफल रही। चाय बगान से जुड़े लोगों के साथ किया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया। प्रदेश में 2 करोड़ रोजगार पैदा करने का वादा किया था, लेकिन रोजगार के 25 मौकों को बनाने में भी नाकामयाब रही।
उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को रोकने का वादा भी बीजेपी सरकार ने किया, जिसे निभाने में पूरी तरह विफल रहे। अजमल ने कहा कि अगर वे सत्ता में आते हैं तो चाय बगानों में काम करने वाले मजदूरों का वेतन बढ़ाएंगे।
महागठबंधन का हिस्सा है एआईयूडीएफआपको बता दें कि असम के आगामी विधानसभा चुनाव में एआईयूडीएफ महागठबंधन का हिस्सा है, जिसमें कांग्रेस, बीपीएफ, सीपीएम, सीपीआई, सीपीआई(एमएल) और आंचलिक गण मोर्चा शामिल हैं।
यह भी पढ़ेंः बिहार की सियासत में इस दिन होने वाला है कुछ बड़ा, जानिए किस तरह नीतीश कुमार को होने वाला है फायदा तीन चरणों में होगी वोटिंग 126 सदस्यीय विधानसभा सीटों के लिए असम में तीन चरणों में वोटिंग होगी। पहले चरण में 27 मार्चा को 12 जिलों की 47 विधानसभा सीटों में वोट पड़ेंगे। वहीं 1 अप्रैल को 13 जिलों की 39 विधानसभा सीटों पर दूसरे चरण में मतदान होगा। जबकि तीसरे चरण में 6 अप्रैल को 12 जिलों की 40 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग होगी। चुनाव के नतीजे 2 मई को घोषित किए जाएंगे।