कैबिनेट ने मुख्य सचिव को दिए निर्देश
आपको बता दें कि बैठक के बाद प्रेस वर्ता करते हुए उम मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अदालत के फैसले के बाद अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग की ताकत मुख्यमंत्री के हाथों में फिर से आ गई है। सिसौदिया ने कहा कि कोर्ट ने जो फैसला दिया है उसके बारे में चर्चा के लिए थोड़ी देर पहले कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में कानून मंत्री कैलाश गहलोत ने उस फैसले को कैबिनेट के समक्ष रखा। जिसपर कैबिनेट ने अहम बिन्दुओं पर चर्चा की। चर्चा के बाद सरकार की ओर से एक निर्देश दिए गए हैं जिसके अनुरुप अब काम होंगे। उन्होंने मीडिया को बताया कि कैबिनेट ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि राशन की घर-घर डिलीवरी और सीसीटीवी का काम तुरंत शुरू किया जाए।
तबादले और पोस्टिंग के लिए सीएम की अनुमति जरुरी: सिसौदिया
आपको बता दें कि मनीष सिसौदिया ने बताया कि दो वर्ष पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने एक आदेश के बाद दिल्ली सरकार से ट्रांसफर पोस्टिंग की ताकत छीनकर उपराज्यपाल और मुख्य सचिव को दे दी थी। लेकिन अब सर्वोच्च अदालत से फैसला आने के बाद बतौर सर्विसेस विभाग का मंत्री मैंने आदेश जारी किया है कि इस व्यवस्था को बदलकर आईएएस और दानिक्स समेत तमाम अधिकारियों के तबादले या पोस्टिंग के लिए मुख्यमंत्री से अनुमति लेनी होगी। उन्होंने कहा कि इस आदेश के बाद यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से जारी कर दिया गया है।
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केवल तीन मामलों पर ही केंद्र बना सकता है कानून: सिसोदिया
आपको बता दें कि मनीष सिसोदिया ने कहा कि तीन विषयों को छोड़कर सभी विषय पर दिल्ली सरकार को अधिकार दिया गया है। तबादला और पोस्टिंग उन तीन मामलों में नहीं आता है। उन्होंने कहा कि सर्विसेस विभाग अब दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास होगी। सिसोदिया ने साफ करते हुए कहा कि जमीन, पुलिस और पब्लिक ऑर्डर छोड़कर सभी मसलों पर कानून बनाने का अधिकार दिल्ली सरकार और दिल्ली विधानसभा के पास रहेगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार और उपराज्यपाल ने कानून की गलत व्याख्या की है जिससे की दिल्ली सरकार के अधिकार कम हो सके। सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार केवल तीन मामलों पर ही कानून बना सकती है और बाकी सारे मामलों में कानून दिल्ली की सरकार बनाएगी।