राहुल गांधी ने पीएम पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप, कहा- हमारी सरकार बनते ही आंध्र … 3 दशक बाद लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे पटेल दरअसल, अहमद पटेल 1977, 80 और 85 में गुजरात की भरूच सीट से लोकसभा सांसद रहे चुके हैं। अहमद पटेल 1989 में राम मंदिर मुद्दा आने पर 21 हजार वोटों से हार गए थे। उसके बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने से दूरी बना ली और राज्यसभा के रास्ते संसद में पहुंचते रहे हैं।
1989 के बाद से चुनाव नहीं हारी भाजपा आजादी के बाद 1951 से ही इस सीट पर कांग्रेस की जीत का जो सिलसिला शुरु हुआ था, वह आपातकाल तक चलता रहा। उसके बाद 1984 में भी कांग्रेस को यहां से जीत मिली। लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने 1989 में पहली बार यहां से जीत दर्ज की। उसके बाद से भाजपा यहां से एक बार भी चुनाव नहीं हारी है। यही वजह है कि भाजपा के लिए यह सीट काफी महत्वपूर्ण हो गई है।
एके एंटनी ने कहा: अमेठी के साथ वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ेंगे राहुल गांधी भगवा गढ़ को बचा पाएगी भाजपा! अब अहमद पटेल को इस सीट से चुनाव लड़ाने का संकेत मिलते ही इस बात की भी चर्चा होने लगी है कि क्या भाजपा अपने इस भगवा गढ़ को बचा पाएगी? या गांधी परिवार के करीबी अहमद पटेल लोकसभा चुनाव में मोदी-शाह की जोड़ी को एक बार फिर सियासी पटखनी देने में सफल होंगे।