बाबरी विध्वंश केस में बरी होने के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अपनी पहली में कहा है कि इस फैसले ने उनकी और बीजेपी की राम जन्मभूमि आंदोलन के लेकर उनके विश्वास को और मजबूत किया है।
असामाजिक तत्वों ने गिराया बाबरी ढांचा 28 साल पुराने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई के विशेष अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि मस्जिद का ढांचा असामाजिक तत्वों ने गिराया था। इस मामले में सभी आरोपियों ने इस गैर कानून काम में शामिल लोगों को रोकने की कोशिश की। आरोपियों को दोषी साबित करने के लिए अदालत के सामने आरोप भी साबित नहीं हुए।
Rahul Gandhi : यूपी सरकार ने रेप पीड़िता के परिवार से अंतिम संस्कार का हक छीना, ये अपमानजनक और अन्यायपूर्ण है आडवाणी ने खुद को बताया भाग्यशाली इस फैसले के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने एक बयान जारी कर कहा कि मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि यह फैसला नवंबर, 2019 में सुप्रीम कोर्ट के दिए गए उस फैसले के पदचिन्हों पर आया है, जिसने अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने का रास्ता सुनिश्चित किया, जिसका भूमि-पूजन 5 अगस्त को किया गया था।
पार्टी के नेता, कार्यकर्ताओं और लीगल टीम का जताया आभार लालकृष्ण आडवाणी ने ये भी कहा कि अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं, नेताओं, संतों और खासकर उन सभी लोगों के प्रति आभारी हूं जिन्होंने अयोध्या आंदोलन के दौरान अपनी निस्वार्थ सेवा और बलिदान से मुझे समर्थन और संबल दिया।
Bihar Election : महागठबंधन में सीट बंटवारे पर पेंच, आरजेडी का ऑफर कांग्रेस को स्वीकार नहीं, अब इस बात के संकेत बीजेपी के नेता आडवाणी ने कहा कि मैं श्री महिपाल अहलूवालिया के नेतृत्व वाली अपनी लीगल टीम के योगदान की भी सराहना करता हूं। इन सालों में महिपाल जी उनके बेटे अनुराग अहलूवालिया और उनकी लीगल टीम ने इस केस में पूरे समर्पण के साथ हर पहलू को देखा है।
भव्य राम मंदिर देखना चाहते हैं आडवाणी इसके साथ ही आडवाणी ने कहा कि अब अपने देशवासियों के साथ मुझे भी भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरा होते देखने का इंतजार है। उन्होंने इस बात की अपेक्षा व्यक्त की है कि भगवान राम की कृपा हम सब पर बनी रहे।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लखनऊ की सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने बाबरी विध्वंश मामले में आज अपना फैसला सुना दिया। स्पेशल कोर्ट ने अपने फैसलसे में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, नृत्यगोपाल दास सहित सभी 32 आरोपियों को सभी आरोपों से बरी कर दिया।