ऐसे समझे निगम में कैसे बाहरी व्यक्ति
– नगर निगम में 687 ड्रायवर है। ये स्थायी है। इनमें से 300 ने अपनी जगह गाडिय़ां चलाने एवजी रखे हुए हैं। यानि अपने वेतन में से ये कुछ हिस्सा इन एवजी का होता है।
– नगर निगम की इंजीनियरिंग शखा में 78 इंजीनियर है। इनमें से 51 ने हर जोन में इंजीनियरों ने ठेकेदारों से लॉगबुक दर्ज कराने, जांच करने, रिपोर्ट बनवाने एवजी रखे हुए हैं। यानि इंजीनियर मौके पर जाते नहीं है, इन एवजियों से पूरे काम करा रहे हैं। निगम में नाम इंजीनियरों का ही है।
– वार्ड स्तर पर 56 इंजीनियर बाहरी है, जो संपत्तिकर के तहत काम करते हैं और भवन की नपती के दौरान जोन प्रभारी, अफसरों के साथ रहते हैं।
नोट- नगर निगम के 17 विभागों में इसी तरह से बाहरी व्यक्तियों को नियुक्त किया हुआ है। बाहर से देखने पर आपको सबकुछ सामान्य लगता है, लेकिन जब थोड़ा विश्लेषण करके देखते हैं तो पता चलता है कि ड्रायपर से लेकर उद्यान, इंजीनियरिंग तक में बाहरी व्यक्ति काम कर रहे हैं।
ऐसे हैं खतरा
नगर निगम में इनका कोई रिकॉर्ड नहीं होता है, लेकिन निगम के अंदर तक इनकी पूरी घुसपैठ है। निगम के गोपनीय रिकॉर्ड से लेकर अंदरूनी जानकारियां इनके पास होती है। ये स्थायीकर्मी नहीं होते हैं। थोड़े से लालच में ये इनका गलत उपयोग या गलत हाथों में दे सकते हैं।
कोट्स नगर निगम में बाहरी कर्मचारियों को प्रतिबंधित करने मैने प्रयास किए थे। कई निगम के 25 दिवसीय कर्मचारी तय काम नहीं कर रहे हैं। शासन को इसपर बड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है। हमने भी इस मामले में काफी सख्ती की है, लेकिन अब भी दिक्कत दूर नहीं हुई।
– आलोक शर्मा, महापौर