फूट गया धार का कारम डैम, जलसैलाब देखकर कांप गई रूह, ईश्वर से प्रार्थना करने लगे लोग
-लोगों का घर पहुंचने का इंतजार और बढ़ा, पूरे इलाके की बिजली बंद
-भारूड़पुरा से लेकर महेश्वर तक अलर्ट
-एबी रोड ब्रिज से पांच से सात फीट नीचे बह रहा था पानी
फूट गया धार का कारम डैम, जलसैलाब देखकर कांप गई रूह, ईश्वर से प्रार्थना करने लगे लोग
धार. डैम को फूटने से बचाने के लिए प्रशासन और सेना के जवानों ने मिलकर डैम की दीवार तोड़कर पानी निकालना शुरू किया, लेकिन इसी दौरान डैम का कुछ हिस्सा बहकर भी निकल गया, ऐसे में काफी मात्रा में पानी निकलने लगा, जिससे ऐसा जलसैलाब आया कि गांव वाले पहाड़ी पर खड़े होकर देखते रह गए, अगर ये डैम अचानक फूट जाता तो निश्चित ही कई जिंदगी इस जल सैलाब में खत्म हो जाती, प्रशासन ने खाली गांवों से पशुओं को निकाल लिया था, ताकि किसी की जान को नुकसान नहीं हो, सोशल मीडिया पर भी डैम फूटने की खबरें चल रही है, वहीं ग्रामीण ईश्वर से यही कामना कर रहे हैं कि अब ज्यादा नुकसान नहीं हो। ताकि डैम का पानी निकल जाने के बाद दोबारा से जिंदगी की शुरूआत करने मेंं किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आए।
भारूड़पुरा घाट पर कारम नदी में बन रहे डैम को बचाने की तमाम कोशिशों पर रविवार शाम करीब साढ़े 5 बजे पानी फिर गया। सुबह राहत की उम्मीदों पर उस वक्त पानी फिर गया। जब डैम के खाली होने की संभावना जताई गई थी। ऐसे में धार-महेश्वर के 18 गांवों के लोगों को उम्मीद बंधी थी कि शाम तक घर वापसी हो जाएगी। लेकिन शाम को जब डैम फूटा तो विस्थापितों का सुकून भी पानी के साथ बह गया। घर वापसी की उम्मीदों पर पानी फिर गया। हालांकि कुछ घंटों के बाद नदी का जलस्तर घटने लगा था। लेकिन अब लोगों का घर पहुंचने का इंतजार और बढ़ गया है।
जिले के 12 गांवों के 25 हजार से अधिक आबादी को घर पहुंचने के लिए अभी ओर इंतजार करना पड़ेगा। डैम फूटने के बाद अब 12 घंटे और लोगों को राहत शिविरों में गुजरने होंगे। इसके बाद ही घर वापसी की उम्मीदें दिखने लगेंगी। 15 अगस्त को सुबह एक बार प्रशासन की तरफ से भी प्रभावित गांवों का सर्वे होगा। इसके बाद ही लोगों का घर आने का रास्ता साफ हो पाएगा। डैम के सबसे नजदीक जहांगीरपुरा और फरसपुरा है। इस कारण दोनों गांवों के लोगों को घर पहुंचने के लिए सबसे लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
इधर सीएम ने महेश्वर तहसील के जलकोठा गांव के 3 से 4 लोगों से मोबाइल पर बात कर हालातों की जानकारी ली। अभी पानी गांव में दाखिल नहीं हुआ। प्रशासन मुस्तेद है। वही बड़वाह से धामनोद की तरफ जाने वाले वाहनों को मंडलेश्वर में पुलिस द्वारा रोका गया है। इमरजेंसी में वाहनों को मंडलेश्वर से कसरावद मार्ग पर डायवर्ट कर निकाल जा रहा है।
डैम से निकालता हुआ पानी । पुल के काफी नजदीक से गुजरा पानी। केस 1जहांगीरपुरा निवासी रतनसिंह ने बताया कि तीन दिन से घर छोड़ा है। सबकुछ पीछे छोडक़र आए थे। रविवार को घर जाने कीउम्मीदें थी, लेकिन ऐनवक्त पर बांध फूट गया। अब घर और खेत की चिंता सता रहे है। प्रशासन ने गांव में आने-जाने पर रोक लगा रखी है। तब तक सुरक्षित स्थानों पर गुजर-बसर करना पड़ रहा है।
केस 2जहांगीरपुरा के गंगासिंहने बताया कि डैम के नजदीकी होने से सबसे पहले हमारा गांव ही खाली करवाया था। आज सभी लोग घर जाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन शाम को खबर आई है कि डैम फूट गया। ऐसे में बस ईश्वर से प्रार्थना कर रहे है कि घर-बार का नुकसान न हो।
जल संसाधन मंत्री ने किया झंडावंदन जहां डैम फूट गया, वहीं जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने 15 अगस्त की सुबह झंडा वंदन किया, उनके साथ सेना के काफी जवान भी मौजूद रहे, इस मामले में प्रशासन का कहना है कि पानी को सुरक्षित तरीके से निकाला जा रहा है, किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई है, वहीं अभी भी प्रशासन मौके पर स्थिति का जायजा ले रहा है, ताकि किसी भी प्रकार की विपरित परिस्थति नहीं बनें।
खास-खास● 304.44 करोड़ का है प्रोजेक्ट। ● 99.86 करोड़ है बांध की लागत। ● 36 माह में पूरा होना था प्रोजेक्ट। ● 8 अगस्त 2018 को शुरू हुआ था कार्य। ● 40.53 एमसीएम है बांध की जल संग्रहण क्षमता।
● 342.50 वर्ग किमी बांध का कैचमेंट एरिया। ● 584 मीटर लंबा व 52 मीटर ऊंचा है डैम। ● 5 रेडियल गेट बनना थे बांध में। ● एएनएस कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली को मिला था ठेका। धामनोद-बड़वाह मार्ग का संपर्क टूटा
महेश्वर तहसील के ग्राम बड़वी के निकट बना कारम पुल शाम को पूरी तरह डूब चुका। पुल से 8 फ ीट ऊपर से पानी बह रहा है और कारण स्टेट हाइवे 26 जो कि धामनोद से बड़वाह जाता। उसका सम्पर्क टूट गया है। वाहनों मि आवाजाही थम गई। सभी प्रभावित गांवों की बिजली भी काट दी गई है। जलकोठा में 300 से अधिक परिवारों को खाली कर महेश्वर शिप्ट किया जा रहा। ये गांव नर्मदा ओर कारम नदी के मुहाने पर बसा है।इस कारण पूरा प्रशासनिक अमला जुटा है।
अफवाह फैलाई जा रही कुछ लोगों द्वारा भ्रामक खबरें चलाई जा रही है कि डैम फूट गया है। यह बात निराधार है। विशेषज्ञों द्वारा जलनिकासी के लिए डैम काटा है। ताकि जल्द से जल्द पानी की निकासी हो जाए। हालात लगातार सुधरते जा रहे हैं। सुबह तक हालात सामान्य होने की संभावना है। काटे गए डैम के साथ खुद की फोटो शेयर कर रहा हूं। ताकि समस्या अफवाहों पर पूर्णविराम लग जाए। -राजवर्धनसिंह दत्तीगांव, उद्योग मंत्री, मप्र शासन फसलों को नुकसान होने की आशंका
डैम फूटने के बाद पहाड़ी पर सुरक्षित ग्रामीणों ने जलप्रलय के वीडियो बनाए। निचले इलाकों में घरों तक पानी पहुंचने से जलमग्न कर दिया। बाढ़ का पानी खेतों से भी होकर गुजरा। इससे फसलों के तबाह होने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस की मौजूदगी में टूटे ताले
कारम नदी किनारे बसे ग्राम जलकोटा ओर बेगंदा को भी प्रशासन ने खाली करवाया है। रविवार की सुबह बेगंदा निवासी कृष्णा पिता नागेश्वर पूरे अपने घर पहुंचा तो घर का ताला टूटा था। घर के भीतर देखा तो अलमारी का सारा सामान बिखरा था। कृष्णा ने बताया कि बदमाश सामान चुराकर ले गए। घर में सोने-चांदी के जैवरात रखे थे। कृष्णा ने लिखित आवेदन धामनोद थाने पर दिया है।
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