दरअसल कोरोना के चलते इन दिनों दूरदर्शन पर रामायण सीरियल शुरु होने के साथ ही लोगों का एक बार फिर इस महाकाव्य की ओर रुझान बढ़ गया है। ऐसे में आज हम आपको रामायण कालीन ऐसे 8 स्थानों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में रामायण में जिक्र है और माना जाता है कि यहां राम ने अपने दिन गुजारे थे और यह स्थान अब भी मौजूद हैं…
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1. अयोध्या : भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। रामायण काल में अयोध्या कौशल साम्राज्य की राजधानी थी, राम का जन्म रामकोट, अयोध्या के दक्षिण भाग में हुआ था। वर्तमान समय में अयोध्या, उत्तर प्रदेश में है। जो आज प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां आज भी उनके जन्म काल के कई प्रमाण मिलते हैं। यहां राम जन्म भूमि के हजारों भक्त हर रोज भगवान के दर्शन करने आते हैं।3. प्रयाग : वह जगह है जहां राम, लक्ष्मण और सीता ने 14 साल के वनवास के लिए जाते हुए पहली बार विश्राम किया था। वर्तमान समय में यह स्थान उत्तर प्रदेश का हिस्सा है। इस स्थान का जिक्र पवित्र पुराणों, रामायण और महाभारत में किया गया है। यहां आज हिंदू धर्म का सबसे बड़ा कुंभ मेला लगता है।
4.चित्रकूट : रामायण के अनुसार, भगवान राम ने अपने चौदह साल के वनवास में लगभग 11 साल चित्रकूट में ही बिताए थे। ये वही स्थारन है जहां वन के निकल चुके श्रीराम से मिलने भरतजी आये थे। तब उन्होंलने राम को राजा दशरथ के देहांत की सूचना दी थी और उनसे घर लौटने का अनुरोध किया था। चित्रकूट में आज भी भगवान राम और सीता के कई पद चिन्ह मौजूद हैं। वर्तमान में यह जगह आज मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच में स्थित है। यहां आज के समय में भगवान राम के कई मंदिर हैं।
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5. पंचवटी : यहीं पर भगवान राम ने रावण की बहन शूर्पनखा के प्रेम प्रस्ताव को ठुकराया था और लक्ष्म्ण ने उसके नाक कान काटे थे। इस घटना के बाद ही राम और रावण युद्ध की नींव पड़ी थी। ओडिसा, आंध्रप्रदेश और छत्तीासगढ़ के बीच फैले विशाल हरे भरे इस क्षेत्र में आज भी राम के निवास के चिन्ह मिलते हैं और यहां पर आ कर असीम शांति और ईश्वर की उपस्थिति का अहसास होता है।8. तालीमन्नार,श्रीलंका: यहां पहुंच कर पहली बार यहां भगवान राम ने अपना खेमा स्थाथपित किया था, तालीमन्नार वही जगह है। एक लंबी लड़ाई के बाद, भगवान राम ने रावण को मार दिया और फिर श्रीलंका के सिंहासन पर रावण के छोटे भाई विभीषण को दे दिया। यहीं पर माता सीता की अग्नि परीक्षा हुई थी। यहीं पर रामेश्वरम से आकर रामसेतु के जुड़ने के चिन्ह भी मिलते हैं। यह स्थान श्रीलंका के मन्नार आइसलैंड पर स्थित है।