मकर संक्रांति पर आए थे सात लाख से अधिक श्रद्धालु
इससे पहले 14 जनवरी को संपन्न हुए मकर संक्रांति पर हरिद्वार में सात लाख 11 हजार श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे थे। वहीं मकर संक्रांति स्नान पर बार्डर पर पंजीकरण और कोरोना जांच की अनिवार्यता नहीं थी। लेकिन कुंभ को लेकर केंद्र सरकार की एसओपी जारी होने के बाद जिला प्रशासन ने माघ अमावस्या और बसंत पंचमी स्नान पर रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता कर दी है।
जारी गाइडलाइन के अनुसार इसके तहत जहां इन दो स्नान पर्वों यानि माघ अमावस्या / मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी स्नान के लिए बाहर से आने वाले वाले श्रद्धालुओं को पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। वहीं बिना पंजीकरण के आने वाले श्रद्धालुओं को राज्य की सीमा से ही वापस कर दिया जाएगा। गाइडलाइन में जिला प्रशासन की ओर से कोविड-19 से बचाव के लिए सरकार की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) और हाईकोर्ट के निर्देशों का हवाला दिया गया है।
हरिद्वार कुंभ में साधु संतों के चार शाही स्नान होते हैं, जो इस बार भी होंगे। महाशिवरात्रि पर 11 मार्च को होने वाला पहला शाही स्नान संन्यासियों के सात अखाड़े पूर्ण गणवेश में शाही जुलूस निकालकर करेंगे। पहला शाही स्नान करने के लिए बैरागियों के तीन और उदासियों के दो अखाड़े नहीं आते। इसी प्रकार निर्मल अखाड़े के साधु भी पहला स्नान नहीं करते।