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Haridwar Kumbh Mela 2021: माघ अमावस्या और बसंत पंचमी स्नान के लिए गाइडलाइन जारी, जानें क्या किया अनिवार्य

कोविड-19 से बचाव के लिए सरकार की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) और हाईकोर्ट के निर्देशों का हवाला दिया…

Feb 09, 2021 / 02:36 pm

दीपेश तिवारी

Haridwar Maha Kumbh Mela 2021 Guidelines

Haridwar Maha Kumbh Mela 2021 Guidelines

हरिद्वार में चल रहे कुंभ के दौरान अभी इस फरवरी 2021 की 20 तारीख से पहले पड़ने वाले दो स्नान पर्वों के लिए जिला प्रशासन की ओर से गाइडलाइन जारी कर दी गई है। दरअसल 11 फरवरी को माघ अमावस्या, 16 फरवरी को बसंत पंचमी का स्नान है। वहीं 27 फरवरी को माघ पूर्णिमा का स्नान रहेगा। तीनों पर्वों पर हरिद्वार में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। तीनों स्नान पर्वों की जिला, मेला और पुलिस प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।

मकर संक्रांति पर आए थे सात लाख से अधिक श्रद्धालु
इससे पहले 14 जनवरी को संपन्न हुए मकर संक्रांति पर हरिद्वार में सात लाख 11 हजार श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे थे। वहीं मकर संक्रांति स्नान पर बार्डर पर पंजीकरण और कोरोना जांच की अनिवार्यता नहीं थी। लेकिन कुंभ को लेकर केंद्र सरकार की एसओपी जारी होने के बाद जिला प्रशासन ने माघ अमावस्या और बसंत पंचमी स्नान पर रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता कर दी है।

जारी गाइडलाइन के अनुसार इसके तहत जहां इन दो स्नान पर्वों यानि माघ अमावस्या / मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी स्नान के लिए बाहर से आने वाले वाले श्रद्धालुओं को पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। वहीं बिना पंजीकरण के आने वाले श्रद्धालुओं को राज्य की सीमा से ही वापस कर दिया जाएगा। गाइडलाइन में जिला प्रशासन की ओर से कोविड-19 से बचाव के लिए सरकार की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) और हाईकोर्ट के निर्देशों का हवाला दिया गया है।

जारी किए जाएंगे केवल ऑनलाइन पास

गाइडलाइन के अनुसार श्रद्धालुओं को पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। राज्य की सीमा पर इसकी जांच की जाएगी। पंजीकरण नहीं होने पर श्रद्धालुओं को लौटा दिया जाएगा। सीमा पर पुलिस का सख्त पहरा होगा। मालूम हो कि एसओपी में पंजीकरण के लिए आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट की अनिवार्यता है। वहीं यात्रियों को ऑनलाइन ही पास जारी किए जाएंगे। यात्री रजिस्ट्रेशन के लिए www.haridwarkumbhmela2021.com पर आवेदन कर सकते हैं।
हरिद्वार कुंभ में महाशिवरात्रि का स्नान नहीं करते बैरागी, जानें क्यों…
हरिद्वार कुंभ में साधु संतों के चार शाही स्नान होते हैं, जो इस बार भी होंगे। महाशिवरात्रि पर 11 मार्च को होने वाला पहला शाही स्नान संन्यासियों के सात अखाड़े पूर्ण गणवेश में शाही जुलूस निकालकर करेंगे। पहला शाही स्नान करने के लिए बैरागियों के तीन और उदासियों के दो अखाड़े नहीं आते। इसी प्रकार निर्मल अखाड़े के साधु भी पहला स्नान नहीं करते।
हालांकि सांकेतिक रूप से पिछले हरिद्वार कुंभ में बाकी अखाड़ों के पांच-पांच महंत संन्यासियों के साथ गए थे। परंतु स्नान प्रोटोकॉल में यह शामिल नहीं है, इसलिए इस बार इसे नहीं दोहराया जाएगा। जिस प्रकार तीनों बैरागी अणियां पहला शाही स्नान नहीं करती, उसी प्रकार कोई भी अन्य अखाड़ा 27 अप्रैल को होने वाला अंतिम शाही स्नान करने हर की पैड़ी नहीं जाता। आखिरी स्नान केवल तीनों बैरागी आणि अखाड़े ही करते हैं।

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