एक महिला सिपाही की डेंगू से निजी अस्पताल में मौत के बाद पुलिस लाइन में शुक्रवार सुबह से ही हंगामा शुरु हो गया। आक्रोशित पुलिसकर्मियों ने सार्जेंट मसरुद्दीन अहमद के आवास का घेराव किया। बाहर निकलने पर पुलिसकर्मियों ने उन्हें खदेड़कर पीट दिया। आक्रोशित पुलिसकर्मी यहीं नहीं रुके। लाठी—डंडों से लैस पुलिसकर्मियों ने सिटी एसपी और डीएसपी को भी दौडा़कर पीटा और मौके से खदेड़ भगाया।
पुलिसकर्मियों का आरोप है कि महिला सिपाही की पिछले दिनों करगिल चौक पर ड्यूटी लगी थी।बुखार में रहने के कारण उसने छुट्टी मांगी। लेकिन सार्जेंट ने उसे मात्र दो दिनों का सीक लीव दिया। कम समय मिलने के कारण वह बढ़िया से इलाज नहीं करा सकी। वह डेंगू से पीड़ित थी।सही इलाज नहीं होने से अंततः उसकी मौत हो गई।
पटना के सीनियर एसपी मनु महाराज ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कानून हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है। कानून तोड़ने वाले पर कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि दो दिनों पूर्व ही एक महिला ट्रेनी सिपाही के साथ इंस्पेक्टर ने अश्लील हरकतें कीं जिससे आक्रोशित महिला पुलिसकर्मियों ने पुलिस लाइन में हंगामा किया था। डीजीपी के आदेश पर इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर गिरफ्तार कर लिया था।
पटना में सिपाही विद्रोह पर डीजीपी बोले-भड़काया है कोई
पटना पुलिस लाइन में हुए सिपाही विद्रोह से प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया। डीजीपी के एस द्विवेदी ने कहा ,लगता है किसी ने भड़काया है। उन्होंने ने यह भी कहा कि ट्रेनी सिपाहियों का विद्रोह अच्छी बात नहीं है।लगता है किसी ने इन्हें बुरी तरह भड़काया है। डीजीपी ने दिल्ली में कहा कि दोषी लोग बच नहीं पाएंगे। उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में एक रिटायर्ड डीजीपी ने कहा कि पुलिस विद्रोह कोई साधारण सी बात नहीं है। अधिकारियों और सरकार के लोगों को यह समझना होगा कि अंदरूनी हालात एकदम खराब हैं,तभी ट्रेनी सिपाहियों ने उपद्रव और तोड़फोड़ किए।