पन्ना. विकास के मामले में प्रदेश के सबसे पिछड़े जिले में शामिल पन्ना में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए लोगों ने हुंकार भरी है। जहां एक ओर तकनीकी रूप से दक्ष लोग ट्विटर सहित विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों से सीधे पीएमओ को ट्वीट करके अपनी मांग पहुंचा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पीएमओ को पोस्टकार्ड भी लिखा जा रहा है। धीरे-धीरे जिले में मेडिकल कॉलेज की मंाग जोर पकडऩे लगी है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश के सतना, दमोह और खजुराहो लोकसभा में से किसी एक स्थान पर आयुष्मान योजना के तहत मेडिकल कॉलेज खोला जाना है। इसे लेकर खजुराहो लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पन्ना जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं। नेता, समाजसेवी और जनप्रतिनिधि भी अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। मंगलवार को मेडिकल कॉलेज खोले जाने की मांग संबंधी कई आवेदन जनसुनवाई में पहुंचे। जिले के सैकड़ों लोगों ने पीएमओ को ट्वीट भी किया है। जिला कायस्थ समाज की ओर से सीएम के नाम संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया।
सीएम और पीएम को पोस्टकार्ड लिखे जाने का भी चिल रहा है। अब तक सैकड़ों की संख्या में पोस्टकार्ड लिखे जा चुके हैं। पन्ना में मेडिकल सुविधाओं का अभाव है। जिला अस्पताल संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। यहां पद के हिसाब से चिकित्सा तक नहीं हैं। जांच सुविधाएं भी नाकाफी हैं। मरीजों को गंभीर हालत में सतना, रीवा, कटनी या फिर जबलपुर लेकर जाना पड़ता है। चारों ओर फैले जंगल के कारण अभी तक एक भी वृहद औद्योगिक इकाई की स्थापना नहीं हो पाई है। इसके कारण जिला पिछड़ेपन, बेरोजगारी, कुपोषण और पलायन जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है। पर्यावरणीय कारणों के चलते हीरा और पत्थर खदानें लगातार बंद होने से रोजगार के अवसर सीमित हो रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण बीमारियां भी फैल रही हैं। कुपोषण सहित अन्य बीमारियों के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। बेहतर चिकित्सा नहीं मिलने से मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। वर्ष 1980 से जिले को प्रदेश शासन में मंत्री पद मिलता आ रहा है। इसके बाद भी जिला पिछड़ा हुआ है।
स्कूल और कॉलेज के छात्रों से अपील नगर के कुछ युवाओं द्वारा जिलेभर के स्कूलों और कॉलेजों में जाकर छात्र-छात्राओं से आगामी दिनों जिला मुख्यालय पर प्रस्तावित आंदोलन में शामिल होने की अपील की गई है। छात्र-छात्राओं को मेडिकल कॉलेज के खुलने से मिलने वाले लाभ की भी जानकारी दी जा रही है। युवाओं का यह कार्यक्रम बीते कई दिनों से लगातार जारी है।
IMAGE CREDIT: patrikaबताया जिले का हाल पन्ना में मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर कायस्थ समाज की ओर से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि पन्ना पवित्र नगरी है। इसके बाद भी इसका विकास पर्यटन स्थल के रूप में नहीं हो पाया है। आजादी के 70 साल बाद यहां रेललाइन लाने के प्रयाय किए जा रहे हैं। 11 लाख की आबादी वाले जिले में चिकित्सा सुविधा के नाम पर मात्र एक 200 बिस्तरों वाला जिला अस्पपताल ही है। केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना के ब्लॉक एक में सतना, छतरपुर और दमोह संसदीय क्षेत्र को रखा गया है। सतना से महज 80 किमी की दूरी पर रीवा मेडिकल कॉलेज है। दमोह से महज 100 किमी की दूरी पर जबलपुर और सागर मेडिकल कॉलेज हैं। ऐसे हालात में पन्ना ही एक ऐसा स्थान है जहां मेडिकल कॉलेज की स्थापना किया जाना उपयुक्त होगा। इस अवसर पर राजेंद्र कुमार खरे, विनय श्रीवास्तव, योगेंद्र खरे, अरविंद खरे विजय श्रीवास्तव, महेश प्रसाद खरे, लक्ष्मीकांत श्रीवास्तव, अरुण खरे, प्रभावत खरे, प्रदीप खरे, राहुल खरे, सुबोध खरे, प्रवीण खरे, राजा खरे, कुलदीप खे व डॉ. डीसी श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में कायस्थ समाज के लोग शामिल रहे। इसी तरह से गुनौर जनपद के ग्रम पंचायत हड़ा की सरपंच राजकुमारी ने भी पन्ना में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए जनसुनवाई में कलेक्टर को आवेदन दिया है।
IMAGE CREDIT: patrika पन्ना में मेडिकल कॉलेज की स्थापना को लेकर प्रयास किया जा रहा है। गंभीर हालत में मरीजों को जबलपुर एवं रीवा रेफर करना पड़ता है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से पन्ना मे मेडिकल कॉलेज खोला जाए। मुकेश नायक, विधायक पवई
पन्ना जिला वैसे भी सबसे पिछड़ा है। रोजगार के संसाधन पर्याप्त नहीं होने के कारण बेरोजगारी अधिक है। मेडिकल कॉलेज पन्ना में ही खुलना चाहिए। इसके लिए शासन स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। बृजेन्द्र प्रताप सिंह, पूर्व मंत्री
IMAGE CREDIT: patrika IMAGE CREDIT: patrika मेडिकल कॉलेज की स्थापना को लेकर पन्ना में जल्द ही बड़े स्तर का आंदोलन किया जाएगा। इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। आंदोलन में सभी लोगों से शामिल होकर एक सुर से प्रयास करने अपील की जा रही है। मृगेंद्र गहरवार, एडवोकेट
पन्ना में नेशनल पार्क और रेगुरल फॉरेस्ट का फैलाव अधिक होने के कारण यहां औद्योगिक इकाइयों के स्थापना की संभावना कम है। मेडिकल कॉलेज की स्थापना से सुविधाएं बेहतर होंगी अंतिम शर्मा, संयोजक, पन्ना परिवर्तन मंच
जिले के नेताओं को प्रदेश सरकार में लगातार 1980 से प्रतिनिधित्व मिलता आ रहा है। इसके बाद भी पन्ना पिछड़ा हुआ है। जिम्मेदारों द्वारा कभी जिम्मेदारी नहीं निभाई गई है। इसका यह परिणाम है। जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। आगामी दिनों प्रस्तावित आंदोलनों में भी हिस्सा लेकर प्रदेश और केंद्र सरकार से मेडिकल कॉलेज की मांग करेंगे। बृजेंद्र सिंह बुंदेला, भाजपा नेता
मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए पन्ना सबसे उपयुक्त है। पन्ना के आसपास कोई बड़ी मेडिकल सुविधा भी नहीं है। यहां एसटीएससी की जनसंख्या है। इसको देखते हुए यहां मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए सभी लोगों को मिलकर प्रयास करना चाहिए। सुदीप श्रीवास्तव, समाजसेवी
लगातार पन्ना जिले की उपेक्षा हो रही है। हाल ही में केंद्र द्वारा किए गए एक सर्वे में अति पिछड़े जिलों की सूची में संपन्न जिले दमोह को शमिल किया गया, जबकि पन्ना को छोड़ दिया गया। जबकि मजदूरों का सबसे ज्यादा पलायन पन्ना जिले से है। अगर पन्ना में मेडिकल कॉलेज लाना है तो हर जनप्रतिनिधि को एकजुट होकर सडक़ों पर उतर कर लड़ाई लडऩी पड़ेगी। तभी न्याय संभव होगा। चाहे रेलवे लाइन का मामला हो या मेडिकल कॉलेज का। सर्वदलीय संघर्षों से ही न्याय संभव होगा अनिल तिवारी, पूर्व जिपं सदस्य एवं कांग्रेस नेता
देश के सबसे पिछड़े क्षेत्र बुंदेलखंड के पन्ना जिले में लचर स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टि से मेडिकल कॉलेज बहुत ही जरूरी है। क्षेत्रफल में बड़े एवं दुर्गम जंगली क्षेत्र होने के कारण पन्ना जिले में अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं न मिलने से उपचार नहीं मिल पाता और मौत हो जाती है। केंद्र सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी योजना के तहत हर संसदीय क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज होना चाहिए। अगर हक नहीं मिला तो आर-पार की लड़ाई होगी। संजय नगायच, पूर्व अध्यक्ष जिला सहकारी केंद्रीय बैंक पन्ना
पन्ना में मेडिकल कॉलेज की बहुत जरूरत है। यहां चिकित्सा के क्षेत्र में पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। जिलेवासियों द्वारा जनहित में उठ रही मांग पर शासन को ध्यान देना चाहिए। पिछड़ा जिला होने के नाते मेडिकल कॉलेज खुलने से गरीबों को समय पर इलाज की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इसके लिए सभी राजनीतिक दल, जनप्रतिनिधि, व्यापारी एवं बुद्धिजीवियों को एकमत होकर विकास की बात करनी चाहिए। वीरेन्द्र द्विवेदी, प्रदेश सचिव कांग्रेस