बता दें कि, ये हैरान कर देने वाला मामला जिले के अजयगढ़ का है। जहां पशुपालन विभाग को आवंटित 39 एकड़ जमीन में कई भू-माफिया ने अवैध रूप से कब्जा कर जमीन की फर्जी दस्तावेज तैयार सरकारी जमीन बेच दी। भू-माफिया ने नगर परिषद की संपत्ति कर की एक पर्ची से सरकारी जमीन की रजिस्ट्री कर दी। जब यह मामला उजागर हुआ तो विभाग में हड़कंप मच गया। फर्जी रजिस्ट्री का मामला पशुपालन मंत्री भोपाल तक पहुंच गया, जिसपर पशुपालन विभाग के उपसंचालक ने मामले को संज्ञान में लेते हुए 4 लोगों के खिलाफ अजयगढ़ थाने में शिकायत दर्ज कराई।
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पशुपालन विभाग को आवंटित 39 एकड़ जमीन मे रकवा नंबर-143/1/1 पर वर्तमान में कई प्रतिष्ठित भू-माफियाओं का कब्जा है। वर्तमान में पशुपालन विभाग को आवंटित सारी जमीन विभाग के पास नहीं है। जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उन्होंने 3500 वर्ग फिट जमीन बेची है। बाकी पशुपालन विभाग की सरकारी जमीन कई दबंग, माफिया और रसूखदार लोगों के कब्जे में है।
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सूत्रों की मानें तो अभी 39 ऐसे रसूखदार हैं, जिन्होंने विभाग की जमीन की रजिस्ट्री कर ली है। हालांकि, प्रशासन मामला उजागर होने के बाद इस पर पर्दा डालने के लिए 4 लोगों क खिलाफ ही केस दर्ज कर लिया। फर्जी रजिस्ट्री मामले में पुलिस जांच कर रही है। जांच के बाद कई और रसूखदारों परएफआईआर दर्ज हो सकती है। वहीं इस मामले में उप संचालक की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।