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रिश्वतखोरी : अधिकारियों-कर्मचारियों में नहीं लोकायुक्त की कार्रवाई का डर

सरकारी विभागों के अधिकांश कार्य ऑनलाइन होने के बाद भी नहीं सुधरे हालात। महीनों तक लटकी रहती फाइलें, लगातार कार्रवाई के बाद भी रिश्वतखोरों में नहीं दिखता कार्रवाई का भय।

पन्नाDec 11, 2021 / 07:51 pm

Faiz

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रिश्वतखोरी : अधिकारियों-कर्मचारियों में नहीं लोकायुक्त की कार्रवाई का डर

पन्‍ना. केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालयों में किसी भी काम के लिए रिश्वत देना और लेना दोनों दंडनीय अपराध हैं। सरकारी काम में पारदर्शिता लाने के लिए ही अधिकांश कामों को लोकसेवा केंद्रों को दिया गया है। साथ ही, अधिकांश विभागों में ऑनलाइन फाइलें चलने लगी हैं, इसके बाद भी कार्यालयों में महीनों तक फाइलें लटकी रहती हैं। शिकायतें मिलने पर समय-समय पर लोकायुक्त टीम द्वारा ट्रेप करने की कार्रवाई भी की गई है, इसके बाद भी हालातों में कुछ विशेष सुधार नहीं दिख रहा है।


इसी साल लोकायुक्त द्वारा चार अपराध दर्ज किए गए हैं। जिनमें तीन मामले ट्रेप हुए हैं। गौरतलब है कि, सरकारी कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए सख्त नियम कायदे बनाए गए हैं।इसके बाद भी कार्यालयों के हालातों में कोई विशेष सुधार नहीं हो रहा है। स्थितियां जस की तस बनी हुई है। कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए अधिकांश कामों को ऑनलाइन भी किया गया है। अधिकांश सरकारी जानकारियां अब ऑनलाइन उपलब्ध हो जाती हैं। कई प्रकार की सेवाएं लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। बड़े सरकारी कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगे होने के बाद भी स्थितियों में विशेष सुधार नहीं हो पा रहा है।

 

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इस साल ही लोकायुक्त संगठन ने की कई कार्रवाई

सरकारी काम करने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा रिश्वत की मांग करने की शिकायतों पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा कार्रवाई की जाती है। पन्‍ना कलेक्ट्रेट में ही जिला खाद्य अधिकारी और उसके बाबू को रिश्वत लेते पकड़ा गया था। इसके अलावा अजयगढ़ के प्रभारी तहसीलदार को भी एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए साल के शुरुआती माह में ही पकड़ा गया था। इसके आलावा जमीन बटवारे को लेकर पवई में भी एक पटवारी के खिलाफ लोकायुक्त कार्रवाई की गई थी।


केस-1 : 1 अक्टूबर

सागर लोकायुक्त की टीम ने शुक्रवार की सुबह संयुक्त कलेक्ट्रेट में संचालित जिला आपूर्ति अधिकारी कार्यालय में छापामार कार्रवाई कर आपूर्ति अधिकारी और उनके एक बाबू को 1.40 लाख रुपए की रिश्वत की राशि के साथ रंगे हाथों पकड़ा। पेट्रोल पंप की एनओसी देने के लिए इनके द्वारा तीन लाख रुपए से अधिक के रिश्वत की मांग की गई थी। रिश्वत के राशि की दूसरी किश्त लेते हुए लोकायुक्त ने इन्हें पकड़ा था।


केस-2 : 5 अप्रेल

रैपुरा तहसील के चंद्रावल हलका में पदस्थ पटवारी को जमीन का बटवारा करने के नाम पर किसान से पांच हजार की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ा गया। डीएसपी लोकायुक्त सागर राजेश खेड़े के नेतृत्व वाली टीम ने मामले में 25 मार्च को शिकायत मिलने के बाद यह कार्रवाई की थी।


केस-3 : 20 जनवरी

अजयगढ़ तहसील में पदस्थ प्रभारी तहसीलदार उमेश तिवारी को लोकायुक्त की टीम ने रेस्ट हाउस में एक लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। निर्माणाधीन भवन की अनुमति को लेकर एक लाख रुपए रिश्वत मांगे जाने की शिकायत लोकायुक्त में की गई थी। जिसके आधार पर लोकायुक्त सागर की टीम ने यह ट्रैपिंग की थी। हालांकि, आरोपी प्रभारी तहसीलदार को मुचलका जमानत पर लोकायुक्त टीम ने छोड़ दिया है।

 

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यहां करें शिकायत

सरकारी कार्यालयों में अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा काम के बदले में रिश्वत मांगे जाने या किसी भी प्रकार का लाभ लिए जाने की स्थिति में कार्यालय पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त सिविल लाइन सागर में शिकायत की जा सकती है। शिकायत मिलने पर लोकायुक्त सागर में शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए एसपी लोकायुक्त सागर रामेश्वर सिंह यादव से 9479642777 इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। साथ ही, डीएसपी लोकायुक्त राजेश खेड़े से 9424078004 इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा सीधे लोकायुक्त कार्यालय सागर पर 07582-267765 इस नंबर पर सीधे संपर्क भी किया जा सकता है।

 

केंद्रीय कार्यालयों में बिजलेंस डिपार्टमेंट महत्वपूर्ण

केंद्र सरकार के विभागों में बिजलेंस विभाग भी महत्वपूर्ण होते हैं। जबकि, राज्य सरकार के अधिकांश विभागों में यह डिपार्टमेंट उतना मजबूत नहीं है। यही कारण है कि, राज्य सरकारों के विभागों की अधिकांश शिकायतें लोकायुक्त के पास जाती हैं। जबकि, केंद्र सरकार के कार्यालयों के मामले में ऐसे कम मामले देखे जा रहे हैं।

 

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