लक्ष्मीनारायण मन्दिर में देरशाम भगवान सालिगराम व तुलसी विवाहोत्सव के लग्न लिखे गए। कथा विवाहोत्सव को लेकर समाजबन्धुओं में उत्साह है। देशभर से परिवारों सहित प्रबुद्ध सादड़ी पहुंच रहे हैं। भागवत कथा महोत्सव की शुरूआत मंगलवार को भगवान वाराह अवतार मन्दिर से 111 मीटर माताजी की चून्दड़ी व कलश शोभायात्रा के साथ होगी। जिसके वांकलमाता मन्दिर पहुंचने के साथ कथा होगी। पण्डि़त कौशलकिशोर दाधीच प्रतिदिन दोपहर ड़ेढ बजे से साढ़े पांच बजे तक कथा वाचन करेंगे।
घुंघरिया घाटी रिद्धीसिद्धी गणपति मन्दिर पर श्रवण कुमार, प्रमोद बोहरा, केतन, श्रीनिवास बोहरा, ललितकिशोर, रमेश जे. मुम्बई, सत्यनारायण, कमलेश कुमार, किशोरभाई बी., संजय सतीश शंाडिल्य, ओमप्रकाश बोहरा, रमेश दाधिया, प्रवीण, ललितकुमार, कैलाश, नरेश, सत्यनारायण डी. बोहरा, गोरधनलाल, जुगलकिशोर, मंगल उपाध्याय, रामलाल सहित मनीष जोतराज ने केशर, चन्दन, हल्दी, दुग्ध, दही, घृत सहित विविध सुगन्धित द्रव्यों सें शिव परिवार, रिद्धिसिद्धि गणपति प्रतिमा का अभिषेक किया। चादी की आंगी चढ़ाई। लापसी का भोग चढाकर महाआरती की।
मन्दिर नवनिर्माण को लेकर दानदाताओं ने बढ़-चढकऱ घोषणा कर दो लाख से अधिक रुपए एकत्रित किए। देर शाम लक्ष्मीनारायण मन्दिर में भगवान सालिगराम-तुलसी विवाहोत्सव के लग्न सुरेश दवे कसार, मांगीलाल आमेटा के सान्निध्य में लिखवाए गए। जिसमें बड़ी संख्या में समाजबंधुओं ने भाग लिया। महिलाओं ने मंगल गीत गाए। ज्ञात रहे कार्तिक पूर्णिमा 12 नवम्बर को भागवत कथा महोत्सव पूर्णाहूति के बाद भगवान सालिगराम तुलसी विवाहोत्सव सम्पन्न होगा।