रामासिया गांव में 35 साल बाद समुद्र मंथन किया गया। गांव में सुबह 9 बजे से शुरू समद डोवण में बंजारा समाज के परम्परागत वस्त्र पहनकर महिलाओं ने मंगल गीत गाते हुए परम्परा निभाई। इस मौके रमेश बंजारा, अणदाराम, उपसरपंच आशोक बागाराम, जीवाराम, बाबुराम, शंभुराम, पोलाराम, चैनाराम आदि मौजूद रहे।
रोहट। उपखंड क्षेत्र के ढाबर गांव में सोमवार को 30 वर्ष बाद समुद्र मंथन की रस्म निभाई गई। इसमें 36 कौम के करीब पांच हजार से अधिक ग्रामीणों ने सहभागिता निभाई। समाजसेवी प्रभुदयाल जांगिड़ ने बताया कि इससे पहले महिलाएं सिर पर कलश लेकर ठाकुरजी मंदिर से महादेव मंदिर तालाब की परिक्रमा देते हुए तालाब के किनारे पहुंची, जहां पर पहले गाजे-बाजे के साथ ठाकुरजी को तालाब में झूलाया। उसके बाद ठाकुरजी की आरती की। फिर भाइयों के साथ कलश लेकर समुद्र मंथन किया। इस दौरान सरपंच सायरमल सुथार, पटवारी विनिता, ग्राम विकास अधिकारी कानाराम पटेल, उपसरपंच भंवर सिंह के साथ ही काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
इधर, गुरडाई में 18 साल बाद समुद्र मंथन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने गांव की परिक्रमा लगाकर समुद्र मंथन किया। भाइयों ने बहनों को चूंदड़ी ओढ़ाने की रस्म अदा की। इस दौरान सरपंच कमलादेवी, पंचायत समिति सदस्य लक्ष्मणसिंह भाटी, दिनेश मीणा, मोहनसिंह राठौड़, पपसिंह बालोत, रूपसिंह बालोत, देवीसिंह राजपुरोहित, वेरसिंह भाटी, वेरसिंह गेहलोत, अजीतसिंह सोलंकी, जबरसिंह, बालुसिंह, किरण मीणा, मदन मीणा, पारस गर्ग, ईश्वरदास, घीसावन, प्रकाश चौकीदार आदि मौजूद रहे।
गिरादड़ा। दयालपुरा गांव में साधु-संतों के सान्निध्य में भाई-बहनों के पवित्र पर्व समुद्र मंथन का आयोजन 16 वर्षो बाद किया गया। सरपंच कैलाश कंवर भैरूसिंह, पूर्व सरपंच नरसिंह राजपुरोहित व रूपसिंह सोनीगरा सहित वृद्धजनों के निर्देशन में समुद्र हिलोरने की रस्म निभाई गई। राधा-कृष्णा मंदिर से ठाकुरजी की रेवाड़ी के साथ तालाब किनारे पहुंचे। इस दौरान तेजाराम, नारायणलाल मुंझी, जीवाराम पटेल, गोविंदगिरी, हरिभाई पटेल, अमरसिंह, भैरूसिंह, सोनाराम बंजारा, किशनाराम सोलंकी, ढलाराम मेघवाल, नारायणलाल मेघवाल, भीखराम देवासी, दौलाराम, दलपतसिंह, बस्तीराम, रूपाराम, मोहन मीणा, किशन पटेल, सुरेश पटेल, लक्ष्मण पटेल एवं पटेल कृष्णा युवा सेवा समिति के कार्यकर्ता मौजूद रहे।
रोहट। कुलथाना ग्राम पंचायत के धींगाणा गांव में सरपंच रिंकू मेघवाल एवं ग्रामीण महिलाओं ने समुंद्र मंथन की परम्परा निभाई। भाइयों ने बहनों को चूंदड़ी ओढ़ाई। इस दौरान अमराराम बोस सहित ग्रामीण मौजूद थे।