सादड़ी-अभयारण्य विकास प्रबन्ध, वन, वन सम्पदा व वन्यजीव संरक्षण को लेकर वन विभाग ने 3 मार्च 2015 को सफारी वनपथ पर प्रवेश शुल्क लागू किया। जिसमें 2019 में 10 प्रतिशत वृद्धि की गई। जिससे विभाग को अरण्य प्रबंधन व वन्यजीव विकास को लेकर अच्छा राजस्व मिला। वन्यजीवों की वृद्धि व कई विकास योजनाएं मूर्त रूप ले पाई। सफारी वनपथ का ढांचागत सुधार हुआ। तीर्थकर नेचर ट्रेल में एडवेन्चर एक्टीविटी व कुम्भलगढ़ रेंज में बोटिंग सुविधा व साहसिक गतिविधियों का संचालन शुरू हुआ। सफारी वनपथ पर सुविधा विस्तार को लेकर किराए में वर्ष 2019 के बाद इस वर्ष इजाफा किया है।
कुम्भलगढ़ अभयारण्य क्षेत्र में बोखाड़ा, सादड़ी, देसूरी कुम्भलगढ़ व झीलवाड़ा 5 रेंज हैं। वन विभाग के अनुसार एक रेंज के वनपथ भ्रमण पर पहले भारतीय पर्यटक को 55 रुपए व विदेशी को 330 रुपए भुगतान करना पड़ता था। जिसे 10 प्रतिशत बढाकर अब भारतीय पर्यटक को 75 रुपए व विदेशी पर्यटक को 410 रुपए अदा करना पड़ेगा। जो अरण्य प्रवेश शुल्क व ईको डवलपमेन्ट चार्ज के नाम वसूल होगा। इसका टिकिट वन नाका पर बने काउन्टर रणकपुर व घाणेराव वन नाका चौकी पर उपलब्ध करवाए गए हैं। भारतीय एक बालक पर 40 रुपए शुल्क देय होगा। नई दर में वाहनों पर इस पर चार्ज किया। जिसमें एक बस 430 रुपए, जिप्सी,जीप, कार, मिनी बस, केन्टर पर 275 रुपए देना होगा। ऑटो ड्राइव, दुपहिया वाहन चालक 50 रुपए, रिक्शा कस 90 रुपए चार्ज देना होगा।
नई दरों में कैमरा व मूवी कैमरा पर यह चार्ज तय किया। जिसमें 8-16 एमएम मूवी व वीडीयो कैमरा भारतीय सैलानी फोटोग्राफर उपयोग ले रहा है तो उसे 401 कैमरा फीस, 404 ईको विकास शुल्क कुल, कुल 805 रुपए अदा करने होंगे। इसी तरह विदेशी सैलानी फोटोग्राफर को 1200 रुपए देने होंगे।
वन, वनसम्पदा, वन्यजीव संरक्षण व पर्यटन बढ़ान के प्रयासों में सफारी वनपथ पर तय किए प्रवेश शुल्क से अच्छा राजस्व मिला। जिनसे कई नवीन ट्रेक विकास व सफारी-सैलानी सुविधाओं में विस्तार हुआ। विभाग ने 2 साल बाद इस वर्ष 10 फीसदी प्रवेश शुल्क में इजाफा किया। दर 01 अप्रेल से लागू हुई हैं। जिसको लेकर विभागीय कार्मिकों को निर्देशित किया है। –यादवेन्द्रसिंह चूण्ड़ावत, सहायक वन संरक्षक, कुम्भलगढ़ अभयारण्य, सादड़ी
बाघ पुनर्वास के दौरान विभाग को इससे अच्छा राजस्व मिलेगा। जिससे सफारी वनपथ, वन व वन्यजीव संरक्षण सुविधाओं में विस्तार होगा। –किशनसिंह राणावत, रेंजर, सादड़ी