पुलिस ‘अनजान’…ग्राहकों से छुपा नहीं
जिस्मफरोशी के ढाबों पर पुलिस की नजर शायद नहीं पड़ी होगी, लेकिन ग्राहकों से कोई ढाबा छिपा नहीं है। ग्राहक सीधा यहां पहुंच जाता है। ट्रक चालक ही नहीं शहर-कस्बों से भी लोग यहां आसानी से आ जाते हैं। इस धंधे को पनपाने में कई दलाल भी शामिल हैं। वे ग्राहक भेजते हैं। पांच सौ से लेकर पन्द्रह सौ रुपए में सौदा होता है। ढाबा चलाने वाले इतने माहिर होते हैं कि वे ग्राहक की शक्ल और सूरत देखकर ही पता लगा लेते हैं।लड़कियां बाहरी, 15 दिन में बदल देती जगह
जिस्मफरोशी का धंधे के लिए भी होटलों और ढाबों की एक चैन बनी है। इसमें लड़कियां अन्य राज्यों से लाई हुई होती है। एक ढाबे पर 10-15 दिन से ज्यादा नहीं रुकती। इसके बाद दूसरी जगह पहुंच जाती है। एक ढाबे पर एक या दो लड़की रहती है।बोगस ग्राहक-ढाबा संचालक के बीच बातचीत
ग्राहक – सर्विस मिलेगी?ढाबा संचालक – बिल्कुल मिल जाएगी। फुल सर्विस के एक हजार…हाफ के पांच सौ। ग्राहक – कुछ कम करो, यह ज्यादा है। सात सौ तक दे सकता हूं।
ढाबा संचालक – इसमें क्या कम करेें। सात सौ रुपए तो लड़की ले लेगी। तीन सौ में होटल किराया, पुलिस की बंदी और मेरा मुनाफा।
ढाबा संचालक – पीछे जाकर देख लो। दो लड़कियां है। ग्राहक – लड़की को साथ ले जाने की सुविधा है?
ढाबा संचालक – साथ भेजने में रिस्क रहती है, लेकिन छह हजार रुपए लगेंगे। होटल भी हमारी फिक्स है। लड़की होटल से बाहर नहीं जाएगी। उसके साथ जबरदस्ती भी नहीं होनी चाहिए।