ये है रणकपुर बांध की भराव क्षमता
लेफ्टिनेंट सर प्रतापसिंह इडर ने बांध का निर्माण करवाया। तब इसकी भराव क्षमता 45 फ़ीट थी। जलसंसाधन विभाग को सौंपने पर इसका गेज 62.70 फ़ीट तक बढाकर जलभराव क्षमता में वृद्धि की गई। वर्तमान में 205 एमसीएफटी पानी में से 145 एमसीएफटी पानी सिंचाई जल वितरण, 8 व 30 एमसीएफटी पानी का उपयोग महारानी उद्यान व पेयजलापूर्ति आरक्षण रहता है। बांध से पालिका क्षेत्र मीणों का झुंपा, मोडिया मगरी, भादरास व प्रतापगढ़ बावरियो का झुपा बस्ती तक सिंचित व चाही खेतों की करीब 1700 एकड़ कृषिभूमि में सिंचाई होती है। वर्ष 2015 से 24 तक कार्यकाल में 2-3 बार इससे सिंचाई का पानी नहीं मिला। 7-8 वर्षों के दौरान हमेशा ओवरलो हुआ तो किसानों को सिंचाई पानी सुलभ हुआ। पिछले तीन सालों से लगातार ओवरलो हो रहा है। पिछले वर्ष तो बिपरजॉय चक्रवात के दौरान 18-20 जून के बीच ओवरफ्लो हो गया था। इससे साढ़े 5 माह नदी बहती रही।
गांवों के कुओं को करता है रिचार्ज
अरावली पर्वतमालाओं की तलहटी में विद्यमान राणकपुर सादडी बांध से निकलने वाली मघाई नदी मादा, मोरखा, सिन्दरली से रानी होते हुए चाणोद ग्राम सरहद तक पहुंचती है। इसके बीच नदी के दोनों मुहाने स्थित हजारों खेतों पर बने कुओं का जलस्तर बढाती है। इसके छलकने का ग्रामीणों को बेसब्री इंतजार रहता है। हजारों ग्रामीण व किसानों की खुशियों का सहारा है।