इस ट्रेक पर गोरमघाट जैसे कई पर्यटक स्थल है। पहाड़ी इलाके में पहुंचने का ट्रेन ही एकमात्र साधन है। ऐसे में ट्रेन शुरू होते ही पर्यटकों की आमदरफ्त फिर बढ़ जाएगी। बारिश के दिनों में यहां देशी पर्यटक बड़ी संख्या में लुत्फ उठाने आते हैं। मारवाड़ जंक्शन के टीआई नेमीचंद जांगिड़ ने बताया कि 250 यात्रियों ने पहले दिन सफर किया। मंगलवार से एक ट्रेन मावली तथा दूसरी ट्रेन मारवाड़ जंक्शन से रवाना होगी। धीरे-धीरे यात्रियों की संख्या बढ़ जाएगी।
-1938 में मावली से मारवाड़ जंक्शन तक शुरू हुई थी ट्रेन
-कुल 152 किलोमीटर का है मीटर गेज ट्रेक
-21 किलोमीटर है पहाड़ों के सफर
-19 की स्पीड से पहाड़ों में चलती है रेल
-6 घंटे में मावली से मारवाड़ तक पूरा होता है सफर
-ब्रिटिशकालीन इंजीनियरों ने बिछाया था यह ट्रेक
-जोधपुर और उदयपुर के तत्कालीन शासकों के प्रयासों से शुरू हुई थी यह रेल
-मारवाड़ और मेवाड़ को जोड़ती है
मावली रेलवे स्टेशन से ये ट्रेन सुबह 07.25 बजे रवाना हुई, जो थामला मोगाना, नाथद्वारा, बेजनाल, कांकरोली, कुंआरिया, लावा सरदारगढ, चारभुजा रोड, खारा कमेरी, डोलजी का खेड़ा, देवगढ मण्डारिया, कामली घाट, गोरम घाट, फुलाद तथा राणावास होते हुए मारवाड़ जंक्शन रेलवे स्टेशन पर पहुंची। प्रत्येक स्टेशन पर ट्रेन व रेलवे कर्मचारियों का ग्रामीणों ने स्वागत किया। पहले दिन यह ट्रेन मारवाड़ जंक्शन रेलवे स्टेशन पर डेढ़ घंटे देरी से पहुंची।