गायों पर लंपी का कहर कोरोना की तरह बरपा था। इस बीमारी में गायों के शरीर पर गांठे बन गई थी। इससे गांवों से शहरों तक गाय चपेट में आ गई थी। इससे जिले में हजारों गायों की मौत हुई थी। बेसहारा गायों का तो कोई आंकड़ा ही नहीं है। ऐसे में कितनी बेसहारा गाये मरी। यह भी बताना मुश्किल है।
नाम व खाता संख्या गलत होने से देरी लंपी से मृत गायों के पशुपालकों को मुआवजा देने की तैयारी कर ली गई थी, लेकिन कुछ पशुपालकों के नाम व बैंक खाता गलत थे। उसमें सुधार के कारण मुआवजा देने में देरी हुई है। वह प्रक्रिया होते ही मुआवजा दे दिया जाएगा।
मनोज पंवार, उपनिदेशक, पशुपालन विभाग, पाली जिले में पशुओं की संख्या 360271 मवेशी है पाली जिले में 20 प्रतिशत कम हुए मवेशी लंपी के बाद