सरकारी गाइडलाइन के अनुसार कोरोनो पॉजिटिव मरीज के पास बिना पीपीई किट परिजनों को आना मना है। वास्तविकता यह है कि अटेंडेंट न तो पीपीई किट पहन रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कर रहे हैं। कई परिजन तो संक्रमित मरीज से पूरे घुल-मिल रहे हैं। कुछ परिजन तो अस्पताल में ही रुके रहते हैं। यही परिजन, अस्पताल से फिर बाहर अन्य लोगों के सम्पर्क में आते हैं।
राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन जन जागरूकता अभियान चला रहा है ताकि कोरोना संक्रमण कम से कम फैले। ऐसे लोग जिला प्रशासन के अभियान की खुलेतौर पर खिल्ली उड़ा रहे हैं। प्रभारी मंत्री सालेह मोहम्मद, प्रभारी सचिव समित शर्मा, जिला कलक्टर अंश दीप ने 2 अक्टूबर को ही मास्क वितरण अभियान शुरू किया था। शहरों के साथ-साथ गांवों में विभिन्न माध्यमों से नो मास्क नो एंट्री अभियान के तहत जागरुकता बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके बावजूद लोग लापरवाही बरते रहे हैं।