इस पर सांसद पीपी चौधरी ने केन्द्रीय केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री
नितिन गडकरी से मिलकर देसूरी-चारभुजा घाट सेक्शन को एलिवेटेड बनाने की मांग की है। उन्होंने मंत्री को बताया कि करीब 9 किमी लंबे सड़क घाट मार्ग की खतरनाक स्थिति है। इस मार्ग पर 12 से अधिक खतरनाक मोड़ है। वहीं 5 संकरे पुल है। मार्ग पर वहां लगातार हादसे होते रहते है। इस पर मंत्री गडकरी ने मार्ग निर्माण को लेकर आश्वासन दिया।
इन मार्गों के लिए भी रखी मांग
सांसद चौधरी ने देसूरी घाट सेक्शन के साथ अन्य मार्गों की भी मांग की। उन्होंने एमडीआर 373 मारवाड़ जंक्शन बाड़सा, सुगालिया, धामली, भीमालिया, निबाड़ा, सोमेसर, ईटन्दरा, मेड़तिया, जवाली, नादाना भाट, रानी रोड, एमडीआर 374 स्टेट हाइवे 67 सोमेसर, घेनड़ी, सिवास, खिंवाड़ा, पनोता रोड तक स्टेट हाईवे बनाने, एमडीआर 375 फालना, सुमेरपुर, एमडीआर 376 सुमेर, तखतगढ़, कोसेलाव, बिरामी, रानी, एक्सटेशन एमडीआर 40 जेतपुरा, खौड़, जवाली, नाडोल रोड, एमडीआर 385 रामासिया, गरवलिया मणिहारी, भांवरी, वायद, चेण्डा, माण्डावास, एमडीआर 386 पाली, मण्डली से डेण्डा, कूरना, गिरवर, चाणोद रोड आदि मार्गों को सीआरआईएफ योजना में लेने की मांग की। इन मार्गों को चौड़ा करने का आग्रह किया। आपको बता दें कि देसूरी नाल में 7 सितंबर 2007 को बड़ा सड़क हादसा हुआ था। यहां नाग देवता के नीचे रामदेवरा जातरूओं का ट्रक ब्रेकफेल होकर खाई में पलट गया था। जिसमे एक साथ 89 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा भी कई हादसे हुए। देसूरी नाल संघर्ष समिति का दावा है कि अब तक एक हजार से अधिक लोगों की दुर्घटनाओं में मौत हो चुकी है।