ट्रेनों के गेट पर खड़े रहकर व बैठ कर एवं चपेट में आने की वजह से कई मौते हो चुकी हैं। वर्ष 2018-2019 के आंकड़ों के अनुसार जीआरपी पुलिस थाना में लगभग 17 जनों की मौत व सिटी पुलिस थाने में लगभग 9 जनों की मौत के मामले दर्ज हैं। कई लोग घायल भी हुए हैं।
स्टेशनों पर ट्रेनों का ठहराव कम होना भी इस समस्या का कारण है। कई रेलगाडिय़ां तो पांच मिनट ही स्टेशन पर ठहरती हैं। यात्री स्टेशन आने से पहले ही रेल के दरवाजे पर आकर जमा हो जाते हैं। इससे वह दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। कभी कभार यात्री फुटब्रिज का उपयोग न करके सीधे लाइनों को क्रॉस कर दूसरे प्लेटफार्म पर आ जाते हैं। इस दौरान वे कई बार चपेट में भी आ जाते हैं।
कस्बे के बीचोंबीच से गुजरती रेलवे लाइन की वजह से कस्बा दो भागों में बंटा हुआ है। एक तरफ से तो सभी मैन गेट से होकर आ जाते हैं परन्तु पूर्वी छोर की तरफ ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले व रामनगर, काजीपुरा व गुर्जर मौहल्ले के लोगों को बाजार की तरफ व सरकारी कार्यालयों में जाने के लिए फुटब्रिज के अभाव मे लाइनों को क्रॉस करके आना पड़ता है। इसको लेकर सरपंच आशा सैनी, साई दर्शन सेवा संस्थान के अध्यक्ष देवेन्द्रङ्क्षसह मीणा, कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष नगेन्द्रङ्क्षसह गुर्जर ने पूर्वी छोर से आने वाले लोगों के लिए फुट ब्रिज की मांग की है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
कई बार यात्रियों को डेमो द्वारा इस लापरवाही से होने वाले नुकसान के बारे मे बताते हैं। स्कूलों में जाकर भी इसके बारे मे बताते हैं। ऐसे हालत मे कई बार रेलवे अधिनियम के तहत मुकदमे भी दर्ज करते हैं। यात्री स्वयं भी जागरूक नहीं हो पाते हैं। – आरसी. मीणा, उपनिरीक्षक, आरपीएफ, मारवाड़ जंक्शन