खण्डेला मंगलवार को पाली कलक्ट्रेट परिसर स्थित जिला परिषद सभागार में कृषक संवाद कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसानों के प्रति पूर्णतया संवेदनशील हैं। उनका मानना है कि किसान खुशहाल तो देश खुशहाल। किसानों की हर छोटी से छोटी समस्या को भी गंभीरता से लिया जाता है।
जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि कृषक संवाद जैसे आयोग शासन और किसानों के मध्य सेतु का कार्य करेगा तथा किसानों की बात सरकार तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। उन्होंने संवाद के दौरान सामने आई विभिन्न समस्याओं पर बिन्दूवार चर्चा करते हुए कहा कि कृषक भूमि का ट्रस्टी है उसे जमीन पूर्वजों से उपजाउ हालत में मिली है। इसलिए उसकी नैतिक जिम्मेदारी है कि आने वाली पीढी को वह भूमि को उसी प्रकार उपजाउ स्थिति में सौंपे। इसके लिए जरूरी है कि रसायनों और कीटनाशकों का इस्तेमाल क्रमिक रूप से कम करते हुए जैविक खेती की ओर कदम बढाए जाएं।
कृषक संवाद के दौरान आवारा पशुओं की समस्या सामने आने पर जिला कलक्टर ने राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक करोड़ की लागत से गौ शाला संचालन की योजना की जानकारी दी।
कार्यक्रम में आयोग सदस्य नारायणलाल बेड़ा, सोहनी चौधरी भी मौजूद रही। कृषि विश्वविद्यालय कोटा के पूर्व उप कुलपति जी.एल. केशवा, कृषि महाविद्यालय नौगामा अलवर के पूर्व डीन ओ.पी.खेदड़ ने बतौर विषय विशेषज्ञ किसानों को मार्गदर्शन दिया। कार्यक्रम में राजस्थान राज्य बीज निगम के सदस्य भूराराम सीरवी, समाजसेवी महावीरसिंह सुकरलाई ने भी विचार व्यक्त किए।
सोजत की मेहंदी को मिले फसल जिन्स का दर्जा कृषक संवाद के दौरान जिले भर से आए काश्तकारों ने अपनी विभिन्न समस्याएं रखी। इसमें सोजत क्षेत्र के ताराराम सैनी ने सोजत की मेहंदी को फसल जिन्स का दर्जा नहीं होने से किसी भी प्रकार की फसली योजना का लाभ काश्तकार को नहीं मिलने की बात कही। इस पर जिला कलक्टर मेहता ने विभागीय अधिकारियों को इसके लिए आवश्यक कार्यवाही कर सरकार को प्रेषित करने की बात कही।
इन काश्तकारों ने रखी बात कृषक संवाद में सोनाई मांझी के घीसाराम, हेमावास के मांगीलाल माली, सोजत के ताराराम सैनी, कोसेलाव के हरीशकुमार, सेमली के नवाराम देवासी, हेमावास देवीसिंह भाटी, झितड़ा ढाणी के रमेशकुमार, उंदरा के नारायणलाल मेघवाल, पीराराम पटेल, पिपलिया ढाणी के भूराराम चौधरी, बतरों की ढाणी के गेबाराम पटेल, बुसी के दरगाराम, मारवाड़ जंक्शन के वली खां, हितेंद्र टांक, भीण्डर के मंगलाराम आदि ने अपनी बात रखी।