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पाली

नौनिहालों पर निमोनिया की मार : 29 बच्चों के वार्ड में 80 से अधिक बच्चे निमोनिया पीडि़त

– बच्चा वार्ड में एक बेड पर तीन से चार बच्चे भर्ती- बच्चों सहित परिजन परेशान, जिम्मेदार कह रहे स्टॉफ नहीं

पालीOct 26, 2019 / 02:52 pm

Suresh Hemnani

नौनिहालों पर निमोनिया की मार : 29 बच्चों के वार्ड में 80 से अधिक बच्चे निमोनिया पीडि़त

नौनिहालों पर निमोनिया की मार : 29 बच्चों के वार्ड में 80 से अधिक बच्चे निमोनिया पीडि़त

पाली। Admitte children in hospital : बदलते मौसम में वायरल फीवर की चपेट में आकर नौनिहाल जानलेवा निमोनिया की चपेट में आकर अस्पताल पहुंच रहे है, लेकिन जिले के सबसे बड़े बांगड़ अस्पताल में बेड तक खाली नहीं है। ऐसे में एक बेड पर तीन से चार बच्चों को भर्ती किया जा रहा है। जिससे बच्चों सहित परिजन परेशान है। अस्पताल प्रशासन स्टॉफ की कमी का हवाला देते हुए नए वार्ड खोलने में असमर्थता जता रहा है। अस्पताल में स्थिति यह है कि 29 बेड के बच्चा वार्ड में वर्तमान में 80 से अधिक बच्चे भर्ती है।
13 नर्सिंगकर्मियों का तबादला
नर्सिंगकर्मियों की कमी है। हाल ही में 13 नर्सिंगकर्मियों के तबादले हुए। उनकी जगह महज तीन नर्सिंगकर्मी ही अस्पताल को मिले। एक वार्ड को संचालित करने में छह नर्सिंगकर्मियों की आवश्यकता होती है। नर्सिंगकर्मिंयों की कमी के चलते नए वार्ड खोलना फिलहाल संभव नहीं। – डॉ. ए.डी. राव, पीएमओ बांगड़ अस्पताल, पाली
बेटी निमोनिया की चपेट में
बेटी सेजल निमोनिया से पीडि़त है। अस्पताल में भर्ती होने के लिए बच्चे अधिक पहुंच रहे है। मेरी बेटी जिस बेड पर भर्ती है वहां तीन ओर बच्चे भर्ती है। इस कारण बच्चों की देखभाल करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी ही स्थिति पूरे वार्ड की है। – ममता देवी, परिजन
एक बेड पर तीन बच्चे
वार्ड में बेड कम पड़ रहे है। ऐसे में एक बेड पर तीन से चार बच्चे भर्ती है। जिससे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह समस्या किसे बताए समझ नहीं आ रहा है।। वार्ड प्रभारी को बताने पर उनका कहना था कि बेड अधिक नहीं है। इसी कारण ऐसा किया जा रहा है। – देवी, गुंदोज
सांस नली में सूजन आने से बच्चे आते है निमोनिया की चपेट में
निमोनिया (फुफ्फुस प्रदाह) एक तरह का छाती या फेफड़े का इनफेक्शन है, जो एक या फिर दो फेफड़ों को प्रभावित करता है। इनमें फेफड़ों में सूजन आ जाती है और तरल पदार्थ भर जाता है, जिससे खांसी होती है और मरीज का सांस लेना मुश्किल हो जाता है। निमोनिया सर्दी-जुकाम या फ्लू के बाद हो सकता है। विशेषकर सर्दियों में यह विषाणुओं व जीवाणुओं की वजह से हो सकता है। निमोनिया में मरीज तेज गति से सांस लेता नजर आता है। कफ गिरता है। थोड़ा सा चलने पर सांस फूलने लग जाती है। ऐसे में बच्चे को तुरंत उपचार के लिए चिकित्सक को दिखाना चाहिए। – डॉ. आर.के. विश्नोई, शिशु रोग विशेषज्ञ, बांगड़ मेडिकल कॉलेज, पाली

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