मनमर्जी से आती जाती, तीन दिन से नहीं आ रही थी
नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि आशा भाटी मनमर्जी से काम पर आती जाती थी। आरएएस परीक्षा पास करने के बाद नीचे वाले कर्मचारी भी उसे कुछ नहीं कहते थे। अभी भी तीन दिन से वह नहीं आ रही थी।यहां वह कम ही काम करती थी। नगर निगम और नगर पालिकाओं में सफाईकर्मियों की भर्ती होनी है और आशा अपने बेटे व दलाल के साथ अभ्यर्थियों को सफाई कर्मचारी के पद पर लगवाने का झांसा देकर रुपए 1.75 लाख रुपए रिश्वत के एकत्र किए थे। जयपुर एसीबी की एक टीम नगर निगम हैरिटेज कार्यालय पहुंची और यहां पर सफाईकर्मचारियों की ड्यूटी लगाने से संबंधित रजिस्टर को अपने साथ ले गई।
एसीबी ने आरोपियों को पाली में किया पेश
एसीबी टीम ने गुरुवार को आशा भाटी, उसके पुत्र ऋषभ भाटी और योगेन्द्र चौधरी (दोनों प्राइवेट व्यक्ति) को पाली एसीबी कोर्ट में पेश किया। जहां से तीनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।