लाहौर।पाकिस्तान में शनिवार को आम आदमी से लेकर व्यापारी वर्ग तक सड़क पर उतर आया। आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को उभारने के लिए पाक पीएम इमरान खान के फैसले लोगों को रास नहीं आ रहे हैं। ऐसे में पाक के पीएम इमरान खान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।
दरअसल, पाकिस्तान की आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए इमरान सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से कर्ज लेने का फैसला किया। मगर कर्ज मिलने की शर्तों ने पाकिस्तानियों को बेचैन कर दिया है। रविवार को भी कई जगहों पर प्रदर्शन हुए।
हाफिज सईद की लाहौर हाईकोर्ट में याचिका, आतंकवाद के मामले को रद्द करने की अपील बंद का समर्थन किया पाकिस्तान के तमाम बड़े शहर शनिवार को बंद रहे और पाकिस्तान के अन्य विपक्षी दलों ने भी इस बंद का समर्थन किया। बंद पर कारोबारी संगठनों का कहना है कि उन्हें इससे आपत्ति नहीं है कि सरकार कर दायरे को बढ़ाना चाहती है। दरअसल, उन पर बल प्रयोग किया जा रहा है जो उन्हें मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में उद्योग-धंधों की हालत खस्ता है।
अपनी शर्तों पर पाकिस्तान को कर्ज देगा आईएमएफ गौरतलब है कि आईएमएफ अपनी शर्तों पर पाकिस्तान को कर्ज देना चाहता है। वह चाहता है कि पाक अपनी नीति बदले। यहां की सरकार अभी तक जनता को जो करों में राहत दे रही थी, उसे वापस लेना होगा। इसके साथ नए करों को लागू करना है। यही नहीं, आईएमएफ का कहना है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान की सरकार को सरकारी नौकरियों में भी कटौती करनी होगी ताकि आर्थिक बोझ में कमी आए। इसके बाद से विरोध जारी है।