पीपीपी के एक प्रवक्ता ने कहा कि खान ने संयुक्त राज्य अमरीका (यूएस) की अपनी पहली यात्रा के दौरान अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह किया है।
पीपीपी ने विपक्षी पार्टियों की रैली में कहा कि खान को आतंकवाद के पीड़ितों द्वारा “बिन दाढ़ी का तालिबान खान “माना जाता है। उन्होंने खान को ‘आतंकवादियों का पैरोकार’ करार दिया और उन पर पिछले 20 वर्षों से लोकतंत्र के खिलाफ साजिशों में मोहरा बनने का आरोप लगाया।
इमरान खान में सहनशीलता की कमी है
PPP की नफीसा शाह ने कहा खान कभी लोकतांत्रिक नहीं रहे। जब वे विपक्ष में थे तब उन्होंने बाहर से संसद पर हमला किया। शाह ने तालिबान से तुलना करते हुए कहा कि खान में सहनशीलता की कमी है। शाह ने कहा कि इमरान खान को विश्वास के साथ बताए गए झूठ के लिए ‘गोएबल्स पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाना चाहिए। आत्मविश्वास के साथ झूठ बोलना अभ्यास के साथ आता है और इमरान खान दशकों से ऐसा कर रहे हैं।
अमरीका में खुद इमरान ने खोली पाकिस्तान की पोल, बड़बोलापन या सोची-समझी चाल?
नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख ने अपनी “तानाशाही मानसिकता” को यह कहकर उजागर किया कि देश में मीडिया को नियंत्रित करने की जरूरत है। पीएमएल (एन) के अध्यक्ष ने कहा कि अमरीका में इमरान मीडिया को नियंत्रित करने की आवश्यकता के बारे में कहकर अपनी तानाशाही सोच को उजागर किया। वह कह रहे हैं कि मीडिया उनकी सरकार के अधीन है। इस समय मीडिया सबसे खराब तरह की सेंसरशिप से पीड़ित है।
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