इस्लामाबाद में जरदारी हाउस में हुई गिरफ्तारी के बाद जरदारी को एक काले रंग की गाड़ी में ले जाते हुए देखा गया। गिरफ्तारी के कुछ ही घंटे पहले इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की पीठ ने उनकी जमानत बढ़ाने की याचिका खरिज कर दी थी। न्यायमूर्ति अमीर फारूक और न्यायमूर्ति मोशीन अख्तर कयानी ने जरदारी और उनकी बहन फरियाल तालपुर की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें फर्जी बैंक खातों के मामले में उनकी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की मांग की गई। हाईकोर्ट ने अपने आदेश जारी करते हुए राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) के अधिकारियों को आसिफ जरदारी और फरीदपुर तालपुर की गिरफ्तारी की अनुमति दी। अब जरदारी और तालपुर के पास सुप्रीम कोर्ट में आदेश की अपील करने का विकल्प है।
मामला दोनों नेताओं की निजी कंपनियों को कथित तौर पर फर्जी बैंक खातों के जरिए करोड़ों रुपये के लेन-देन से संबंधित है। इससे पहले, NAB के अधिकारियों की एक टीम ने आसिफ अली जरदारी के गिरफ्तारी वारंट के संसद भवन में नेशनल असेंबली स्पीकर को सूचित किया। पूर्व राष्ट्रपति को गिरफ्तार करने के लिए आईएचसी के आदेशों के बाद संघीय राजधानी में बड़ी संख्या में पुलिस और एनएबी के अधिकारी जरदारी हाउस पहुंचे। पुलिस ने शांतिपूर्ण गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए जरदारी हाउस से जाने वाले सभी मार्गों को बंद कर दिया। हालाँकि उनके घर के बहार सैकड़ों की संख्या में पार्टी नेता और समर्थक पहुँच गए।
नेशनल असेंबली को दी गई जानकारी
जियो न्यूज का दावा है कि NAB अपने ब्यूरो के लॉकअप में आसिफ अली जरदारी को रखेगा। उम्मीद है कि एनएबी फरयाल तालपुर को हिरासत में नहीं लेगा। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता शहबाज शरीफ ने नेशनल असेंबली अध्यक्ष असद क़ैसर से आग्रह किया कि वे आसिफ अली ज़रदारी के लिए विशेष आदेश जारी करें। नेशनल असेंबली में नेता प्रतिपक्ष शहबाज शरीफ ने संसद में कहा, “जरदारी ने हर मौके पर एनएबी के सामने खुद को पेश किया। एनएबी को इसकी सराहना करनी चाहिए थी फिलहाल जरदारी की गिरफ्तारी की जरूरत नहीं थी।”
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