विपक्ष का कहना है कि वह झूठ बोलने के आदी और आतंकवादियों के सबसे पैरोकार हैं। विपक्षी दलों ने बुधवार को कहा कि उन्होंने अपनी अमरीका यात्रा के दौरान अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने की पूरी कोशिश की।
अमरीकी थिंक टैंक के सामने इमरान खान के संबोधन पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की महासचिव नफीसा शाह ने एक बयान में कहा कि उन्हें आतंकी गतिविधियों के पीड़ितों द्वारा “बिना दाढ़ी के तालिबान खान” कहा जाता है। उन्होंने कहा,” सिलेक्टेड पीएम इमरान खान न केवल भ्रष्ट हैं, बल्कि आतंकवादियों के प्रवक्ता भी हैं।
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इमरान खान को इस विश्वास के साथ झूठ बोलने के लिए के लिए गोएबल्स पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए।” आगे और भी हमलावर होते हुए नफीसा शाह ने कहा, “इस आत्मविश्वास के साथ झूठ बोलना उन्होंने कड़ी मेहनत से सीखा है और वह दशकों से ऐसा कर रहे हैं।”
पाकिस्तान में विपक्षी दलों का कहना है कि इमरान खान ने इस तथ्य के साथअंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने की कोशिश की है कि वह पिछले 20 वर्षों से लोकतंत्र के लिए साजिशों के खिलाफ मोहरा हैं। विपक्ष का आरोप है कि इमरान खान कभी भी लोकतांत्रिक नहीं रहे हैं क्योंकि संसद के बाहर से उन पर तब हमला हुआ है जब वह विपक्ष में थे और अब वह सरकार के अंदर हैं।
तालिबान जैसे हैं इमरान
पीपीपी का कहना है कि इमरान खान में तालिबान की तरह सहिष्णुता की कमी है। वह तालिबान की तरह ही खूनी खेल में यकीन करते हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के नेता शहबाज शरीफ ने कहा कि प्रधानमंत्री खान ने अमरीका में मीडिया पर टिप्पड़ी कर अपनी “तानाशाही मानसिकता” से अवगत कराया है। बता दें कि पाक पीएम ने कहा था कि मीडिया को देश में नियंत्रित करने की जरूरत है।
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मीडिया पर कंट्रोल को लेकर फंसे
शहबाज ने कहा, “अमरीका में इमरान नियाजी ने अपनी तानाशाही सोच को उजागर करते हुए कहा कि मीडिया को नियंत्रित करने की जरूरत है। वह झूठ बोल रहे हैं। इस समय तो मीडिया उनकी सरकार के अधीन है। शहबाज शरीफ ने कहा कि इमरान खान फिर से साबित कर रहे हैं कि वह प्रधानमंत्री का पद संभालने के लिए “सबसे अयोग्य व्यक्ति” थे। वह बसों और मेट्रो की सवारी जैसे नौटंकी पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि इमरान ने मंगलवार को अमेरिका में ‘कांग्रेसनल पाकिस्तान कॉकस’ की अध्यक्ष शीला जैक्सन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दावा किया था कि पाक की पिछली सरकारों ने आतंकवाद को अमरीका को अँधेरे में रखा था और कभी सच नहीं बताया था। इमरान ने उस कार्यक्रम में कहा था कि पाकिस्तान में 40 आतंकी संगठन सक्रिय थे। यही नहीं इमरान ने यह भी दावा किया था कि पाकिस्तान में अब भी 40,000 के करीब आतंकी मौजूद हैं।
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