पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर ( POK ) में बनने वाले इस डैम को लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है, इसके बावजूद चीन की मदद से पाकिस्तान ने डायमर भाषा बांध ( Pakistan Start Daimer Bhasha Dam Construction ) का निर्माण शुरू कर दिया है। POK के गिलगिट-बाल्टिस्तान में बनने वाले डायमर-भाषा बांध परियोजना का निर्माण कार्य शुरू किए जाने के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ( Prime Minister Imran Khan ) ने ऐलान किया ‘यह पाकिस्तान के इतिहास में सबसे बड़ा बांध है।’
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सिंधु नदी पर बांध बनाने को लेकर हुए समझौत पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताते ( India’s objection to Construction Daimer Bhasha Dam ) हुए कहा था कि पाकिस्तान द्वारा अवैध कब्जे वाले क्षेत्र में ऐसी परियोजनाएं शुरू करना ठीक नहीं है। हालांकि भारत की आपत्ति को खारिज करते हुए चीन ने कहा था कि पाकिस्तान और चीन ( Pakistan China Relation ) के बीच आर्थिक सहयोग का लक्ष्य विकास को प्रोत्साहित करना और स्थानीय आबादी की खुशहाली को लाना है। मई में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियांग ने कहा था कि बांध परियोजना दो सदाबहार दोस्त और सामरिक सहयोग साझीदारों के बीच आपसी फायदे के लिए है।
4500 मेगावॉट हाइड्रो पावर बिजली पैदा होगी
गिलगिट-बाल्टिस्तान के चिलास ( Chilas of Gilgit-Baltistan ) में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा, इस परियोजना से 4500 मेगावॉट हाइड्रो पावर बिजली पैदा होगी। इससे कम से कम 16 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से न सिर्फ देश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था ( Pakistan Economy ) की हालत ठीक होगी बल्कि पर्यावरण के लिए भी बेहतर होगा। इमरान खान ने बांध के निर्माण के लिए चीन के साझेदारी की तारीफ की।
बता दें कि डायमर-भाषा बांध परियोजना का निर्माण का ठेका संयुक्त उपक्रम के तौर पर पावर चाइना ( Power china ) और पाकिस्तानी आर्मी के फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गेनाइजेशन ( FWO ) को दिया गया है। निर्माण कार्य शुरू होने के इस मौके पर पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा ( rmy Chief General Qamar Bajwa ) और खुफिया एजेंसी के ISI के चीफ जनरल फैज ( ISI Chief General Faiz ) साइट का निरीक्षण करने पहुंचे।
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इससे पहले पाकिस्तानी पीएम के स्पेशल अस्टिस्टेंट ऑन इन्फॉर्मेशन जनरल असीम सलीम बाजवा ने कहा था कि इस बांध से देश के 12 लाख एकड़ कृषि भूमि की सिंचाई में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि इस बांध का बजट 1406 अरब पाकिस्तानी रुपये है। चीन और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते ( Agreement between China and Pakistan ) के मुताबिक, इस परियोजना को 2028 तक पूरा किया जाना है।