जिस जगह यह स्टेच्यू था वह चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर के नजदीक है। इस घटना की जिम्मेदारी पाकिस्तान में प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन फ्रंट ने ली है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिन्ना के इस स्टेच्यू को इसी साल मरीन ड्राइव क्षेत्र में लगाया गया था। इसे वीआईपी और बेहद सुरक्षित इलाका माना जाता है।
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रिपोर्ट के अनुसार, कुछ विद्रोहियों ने स्टेच्यू के नीचे बम लगा दिया था और बाद में उसे उड़ा दिया। विस्फोट इतना शक्तिशाली था जिन्ना का स्टेच्यू पूरी तरह नष्ट हो गया। हालांकि, विद्रोहियों ने किस तरह के बम का इस्तेमाल किया था इस बारे में अभी जानकारी सामने नहीं आई है। पूरे इलाके को सील कर दिया गया है और फोरेंसिक टीम घटनास्थल की पड़ताल कर रही है।
वहीं, पाकिस्तान सिक्युरिटी फोर्स इस घटना को अंजाम देने वालों की तलाश कर रही है। इससे पहले, बलूच विद्रोहियों ने एक बम हमला करके पाकिस्तानी सेना के फ्रंटियर कोर के वाहन को उड़ा दिया था। इस घटना में चार सुरक्षाकर्मी मारे गए, जबकि दो अन्य घायल हो गए। यह हमला हारनाई जिले के खोस्त इलाके में हुआ था। इस हमले की जिम्मेदारी भी बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट ने ली है।
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बताया जा रहा है कि बलूच विद्रोही बलूचिस्तान में चीन की परियोजना का विरोध कर रहे हैं। इसी वजह से वे पाकिस्तान में सुरक्षा बलों और चीन के नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। दरअसल, जमीन के आधार पर बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, जबकि बलूच लोग पाकिस्तान की कुल जनसंख्या का महज 9 प्रतिशत हैं।